कोलकाताPublished: Jul 03, 2020 03:27:21 am
Manoj Singh
केन्द्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को चीनी ऐप पर लगाए गए प्रतिबंध को भारत का चीन पर “डिजिटल स्ट्राइक” करार दिया और निकट भविष्य उरू और पुलवामा जैसी घटनाओं की तरह पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी काण्ड का चीन से भी बदला लेने का संकेत दिया। क्या सचमुच पुलवामा और उरी में हुए आतंकी हमले की तरह लद्दाख के गलवान घाटी में भारती सेना के 20 जवानों को धोखे से मारने का चीन से बदला लेने की तैयारी कर रहा है।
Will India take revenge on China : क्या उरी और पुलवामा की तरह चीन से बदला लेने की तैयारी कर रहा है भारत
चीन पर बदले की कार्रवाई करने के बारे में केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के संकेत में कितना दम
कहा, चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध चीन देश पर “डिजिटल स्ट्राइक”
कोलकाता
केन्द्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को चीनी ऐप पर लगाए गए प्रतिबंध को भारत का चीन पर “डिजिटल स्ट्राइक” करार दिया और निकट भविष्य उरू और पुलवामा जैसी घटनाओं की तरह पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी काण्ड का चीन से भी बदला लेने का संकेत दिया। क्या सचमुच पुलवामा और उरी में हुए आतंकी हमले की तरह लद्दाख के गलवान घाटी में भारती सेना के 20 जवानों को धोखे से मारने का चीन से बदला लेने की तैयारी कर रहा है।
दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय से नवद्वीप क्षेत्र के लिए पश्चिम बंगाल जन संवाद रैली में शामिल पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं से रविशंकर ने इस दिन कहा कि इन दिनों तो चीज चल रहा है एक कोरोना और दूसरा चाइना। चीन हम पर दबाव बनाने और संधि का उल्लंघन करने की कोशिश कर रहा है। भारत ने चीन के 59 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा कर चीन पर “डिजिटल स्ट्राइक” किया है और आगे भी हिम्मत से काम लेगा। गलवान घाटी में हमारे सेना के 20 जवान बहादुरी के साथ अपने से दोगुना चीनी सैनिकों को मार कर मरे हैं। चीन अभी अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत शान्ति में विश्वास करता है और समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिए करना चाहता है। लेकिन प्रधानमंत्री ने साफ कहा है कि जो आंख दिखाएगा भारत उसेसे आंख मिलाकर जवाब देना जानता है। गलवान घाटी में भारतीय सेना के सहादत बेकार नहीं जाएगा। यह कहना हिम्मत का काम हेै। इससे पहले उरी और पुलवामा हमले के समय भी प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उक्त हमले में शहीद जवानों की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी और बाद में उसका जवाब दिया। इस बार भी प्रधानमंत्री ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय सेेना के जवानों की सहादत जाया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी कह रहे हैं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया, तो राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में इसका एक अर्थ है। हमारी सरकार को जवाब देने की इच्छाशक्ति है। हम सभी अपने प्रधानमंत्री के साहस से अवगत हैं। यह 1962 का भारत नहीं है। यह 2020 का भारत किसी के सामने न तो झूकेगा और न ही “रुकेगा”।