…तो क्या नोबेल पदक पाने के लिए अमरीका का दामाद होना जरूरी है
कोलकाताPublished: Oct 22, 2019 05:25:52 pm
कोलकाता (Kolkata)में पले बढ़े अभिजीत विनायक बनर्जी (Abhijit Vinayak Banerjee) को नोबेल पदक( Nobel Medal) मिलने के बाद से ही भाजपा (BJP) नेताओं की ओर से उन्हें लेकर तरह तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। ताजा मामला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के बयान का है।
…तो क्या नोबेल पदक पाने के लिए अमरीका का दामाद होना जरूरी है
कोलकाता. जब से कांग्रेस के लिए कथित तौर पर न्याय योजना का खाका खींचने वाले बंगाल के प्रवासी अमरीकी अभिजीत विनायक बनर्जी को अर्थशास्त्र का नोबेल मिला है तब से उनपर भाजपा के किसी न किसी नेता का हमला जारी है। कभी उन्हें वामपंथी विचारधारा का समर्थक कहा जा रहा है तो कभी उनकी योजनाओं को भारतीयों की ओर से खारिज किए जाने की बात कही जा रही है। केन्द्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर गाहे बगाहे सवाल उठाने वाले अभिजीत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी की है। इन सबके बावजूद वेे अभी भी भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं। ताजा मामला पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष का है। अपने गर्मागर्म बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले दिलीप घोष ने सवाल उठाया कि नोबेल पुरुस्कार पाने के लिए अमरीका का दामाद होना पड़ता है, इस बात में कोई संदेह है क्या। सोमवार की शाम को झाडग़्राम के गोपीवल्लभपुर में गांधी संकल्प यात्रा के दौरान पदयात्रा में शामिल घोष ने पत्रकारों से कहा कि आज तक अर्थशास्त्र का नोबेल दो भारतीयों को प्राप्त हुआ है। दोनों ने ही अमरीका में शादी की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारत में लोकतंत्र है, सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट कहा कि अभिजीत बनर्जी को नोबेल पदक मिलने पर उन्होंने खुशी व्यक्त की थी। पदक विजेता को शुभकामनाएं प्रेषित की थीं।