West Bengal Corona : क्या सचमुच कोरोना से निपटने में दिशाहारा है ममता बनर्जी की सरकार
कोलकाताPublished: Jun 28, 2020 02:42:54 am
पहले सब कुछ खोलने की अनुमति दे दी और पिछले दिन मुख्यमंत्री ने अचानक 31 जुलाई तक लॉकडाउन की घोषणा की। इसके साथ उन्होंने एक जुलाई से मेट्रो रेल सेवा शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय से आग्रह किया भी किया है।
क्या सचमुच कोरोना से निपटने में दिशाहारा है ममता बनर्जी की सरकार
कहा, मुख्यमंत्री की बात क्यों नहीं मान रहे है नीजि स्कूल मालिक, कितना कटमनी ली है तृणमूल
कोलकाता
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने शनिवार को कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए ममता बनर्जी की सरकार को दिशाहारा करार दिया। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की ओर से नीजि स्कूल मालिकों से कटमनी लिए जाने के बारे में जवाब देने की मांग की।
इस दिन कोलकाता स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए राहुल सिन्हा ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण रोकने को लेकर राज्य सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति या दिशा नहीं है। मुख्यमंत्री की कथनी और करनी परस्पर एक दूसरे के विपरित है। जब लॉकडाउन लागू हुआ तो मुख्यमंत्री ने उसे ठीक से पालन नहीं किया। सब कुछ खोलने की अनुमति दे दी और अचानक उन्होंने 31 जुलाई तक लॉकडाउन की घोषणा की। लेकिन परीक्षा स्थगित होने के शिवाय स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया। 31 जुलाई तक लॉकडाउन की धोषणा के साथ मुख्यमंत्री ने एक जुलाई से मेट्रो रेल सेवा शुरू करने के लिए रेल मंत्रालय से आग्रह किया किया।बिना बस भाड़ा तय किए सरकार ने बस चलाने की अनुमति दे दी और अब 15 हजार रुपए भत्ता से कंडक्टर और चालक का नास्ता का खर्च नहीं उठ पाएगा। दरअसल राज्य सरकार इतने दिनों में भी राज्य सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए कोई स्पष्ट नीति और दिशानिर्देश ठीक नहीं कर पाई है। यह सरकार सिर्फ संक्रमण, इससे मौत को छुुपाने में व्यस्त है। इस कारण असल काम नहीं कर पा रही है।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार के दिशाहारा होने एक और प्रमाण है कि शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और मुख्यमंत्री की ओर से स्कूल फीस नहीं बढ़ाने से मना करने के बावजूद कोई भी नीजि स्कूल मालिक नहीं मान रहे हैं। इसके उलट वे फीस बढ़ाने के साथ स्कूल बस और खाने के पैसे ले रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि नीजि स्कूल मालिक क्या शिक्षामंत्री और मुख्यमंत्री की बात क्यो नहीं मान रहे हैं। क्या मुख्यमंत्री सिर्फ दिखावे के लिए कह रही है। जब उन्होंने कोरोना मरीजों से अधिक पैसे लेने पर नीजि अस्पतालों का लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी। इसी तरह उन्होंने ऐसी चेतावनी स्कूल मालिकों को चेतावनी क्यों नहीं दे रही हैं।