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पश्चिम बंगाल को ट्रांजिट रूट के तौर इस्तेमाल कर रहा आईएसआईएस

locationकोलकाताPublished: Jan 08, 2018 11:08:45 pm

बांग्लादेश सीमा के रास्ते संगठन के नव नियुक्त युवाओं को भेज रहा है अफगानिस्तान

kolkata
कोलकाता.

आतंककारी संगठन ‘आईएसआईएसÓ भारत में नियुक्त किए जाने वाले संगठन के नए युवाओं को अफगानिस्तान भेजने के लिए पश्चिम बंगाल को ट्रांजिट रूट के तौर इस्तेमाल कर रहा है। नवनियुक्त युवाओं को पश्चिम बंगाल लाया जा रहा है। यहां से पहले बांग्लादेश फिर अफगानिस्तान भेजा जा रहा है। केरल माड्यूल में भारत से अफगानिस्तान व्हाया ईरान रूट के सार्वजनिक हो जाने के बाद आईएसआईएस के आकाओं ने नए रूट का इस्तेमाल शुरू किया है। केन्द्रीय खुफिया एजेन्सियों ने यह खुलासा किया है। एजेन्सी सूत्रों के अनुसार आईएसआईएस इन दिनों अपनी अफगानिस्तान इकाई के लिए बड़े पैमाने पर युवाओं की नियुक्ति कर रही है। भारत में संगठन की टीम इसके लिए सक्रिय है।
कोलकाता की साजिया है टीम लीडर
भारत में सक्रिय आईएसआईएस की टीम की लीडर कोलकाता की मूल निवासी साजिया है। युवाओं की नियुक्ति से लेकर उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पार कराने तक का सारा काम साजिया की देखरेख में हो रहा है।

सबकुछ गुपचुप तरीके से करती है साजिया

सूत्रों के अनुसार साजिया सबकुछ गुपचुप तरीके से कर रही है। आईएसआईएस टीम के सदस्य भारत के विभिन्न शहरों में अभावग्रस्त परिवार के बेरोजगार युवाओं का बरगलाते हैं। उन्हें संगठन से जुडऩे के लिए तैयार करते हैं। जब सबकुछ फाइनल हो जाता है, तब साजिया उनसे मिलती है और उन्हें बांग्लादेश सीमा पार कराती है।
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कौन है साजिया, कैसे बनी आतंकी
साजिया कोलाकाता के एक साधारण परिवार की लड़की है। वर्ष 2013 में सोशल नेटवर्किंग साइट के मार्फत उसका परिचय गुजरात निवासी कासिम स्टीम्बरवाला से हुआ था। कुछ दिनों तक सोशल नेटवर्किंग साइट चैट करने के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। कासिम कई बार उससे मिलने कोलकाता आया। फिर दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद साजिया कासिम स्टीम्बरवाला दोनों का सम्पर्क इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक शफी आर्मर उर्फ जैदल हिन्दी के साथ हुआ। वर्ष 2014 में दोनों आतंकवादी बन गए।

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