कोलकाता की साजिया है टीम लीडर
भारत में सक्रिय आईएसआईएस की टीम की लीडर कोलकाता की मूल निवासी साजिया है। युवाओं की नियुक्ति से लेकर उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पार कराने तक का सारा काम साजिया की देखरेख में हो रहा है।
भारत में सक्रिय आईएसआईएस की टीम की लीडर कोलकाता की मूल निवासी साजिया है। युवाओं की नियुक्ति से लेकर उन्हें भारत-बांग्लादेश सीमा पार कराने तक का सारा काम साजिया की देखरेख में हो रहा है।
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सबकुछ गुपचुप तरीके से करती है साजिया सूत्रों के अनुसार साजिया सबकुछ गुपचुप तरीके से कर रही है। आईएसआईएस टीम के सदस्य भारत के विभिन्न शहरों में अभावग्रस्त परिवार के बेरोजगार युवाओं का बरगलाते हैं। उन्हें संगठन से जुडऩे के लिए तैयार करते हैं। जब सबकुछ फाइनल हो जाता है, तब साजिया उनसे मिलती है और उन्हें बांग्लादेश सीमा पार कराती है।
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सबकुछ गुपचुप तरीके से करती है साजिया सूत्रों के अनुसार साजिया सबकुछ गुपचुप तरीके से कर रही है। आईएसआईएस टीम के सदस्य भारत के विभिन्न शहरों में अभावग्रस्त परिवार के बेरोजगार युवाओं का बरगलाते हैं। उन्हें संगठन से जुडऩे के लिए तैयार करते हैं। जब सबकुछ फाइनल हो जाता है, तब साजिया उनसे मिलती है और उन्हें बांग्लादेश सीमा पार कराती है।
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कौन है साजिया, कैसे बनी आतंकी
साजिया कोलाकाता के एक साधारण परिवार की लड़की है। वर्ष 2013 में सोशल नेटवर्किंग साइट के मार्फत उसका परिचय गुजरात निवासी कासिम स्टीम्बरवाला से हुआ था। कुछ दिनों तक सोशल नेटवर्किंग साइट चैट करने के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। कासिम कई बार उससे मिलने कोलकाता आया। फिर दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद साजिया कासिम स्टीम्बरवाला दोनों का सम्पर्क इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक शफी आर्मर उर्फ जैदल हिन्दी के साथ हुआ। वर्ष 2014 में दोनों आतंकवादी बन गए।
साजिया कोलाकाता के एक साधारण परिवार की लड़की है। वर्ष 2013 में सोशल नेटवर्किंग साइट के मार्फत उसका परिचय गुजरात निवासी कासिम स्टीम्बरवाला से हुआ था। कुछ दिनों तक सोशल नेटवर्किंग साइट चैट करने के बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। कासिम कई बार उससे मिलने कोलकाता आया। फिर दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद साजिया कासिम स्टीम्बरवाला दोनों का सम्पर्क इंडियन मुजाहिद्दीन के संस्थापक शफी आर्मर उर्फ जैदल हिन्दी के साथ हुआ। वर्ष 2014 में दोनों आतंकवादी बन गए।