मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग हमारी सरकार पर केन्द्र सरकार की योजनाओं को राज्य की योजना बताए जाने का आरोप लगा रहे हैं। राज्य सरकार उसे अपनी योजना क्यों नहीं बताएगी। उनमें खर्च होने वाले पैसे क्या केन्द्र सरकार की जमींदारी के हैं।
केन्द्र सरकार पश्चिम बंगाल से प्रत्येक साल 40 हजार करोड़ रुपए कर संग्रह कर के ले जाती है। इसमें से सिर्फ 10 हजार करोड़ रुपए देती है और हमारे ही पैसे हमें दे कर हम से हिसाब मांगती है। हम केन्द्र को कर देना बंद कर देंगे और इन पैसों से बंगाल का विकास करेंगे। हमें केन्द्र के पैसे की जरूरत नहीं है।
वे इस दिन कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में आयोजित पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक विकास निगम (डब्ल्यूबीएमडीसी) की वार्षिक सभा में बोल रहीं थी। इस मौके पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद इद्रीस अली और राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भी प्रदान की।
केन्द्र पर जमकर वार
मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत के मुद्दे पर तीखा वार किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान क्या होता है। केन्द्र सरकार पहले अपना घर साफ करे। फिर दूसरे का घर देखे। केन्द्र दिल्ली, देश की राजधानी को देखे। वहां राजनीतिक प्रदूषण से ले कर वातावरण प्रदूषण इस कदर फैला हुआ है कि लोगों को मास्क पहन कर आना-जाना पड़ रहा है। यहां तक कि मास्क पहन कर उन्हें खाना भी खाना पड़ रहा है। लेकिन केन्द्र दिल्ली को नहीं देख रहा है और दूसरे को सफाई करने की नसीहत दे रहा है।
मुसलमानों के लिए काम पर आपत्ति क्यों
भाजपा पर समाज को हिन्दू और मुस्लिम में बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि उन पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाया जा रहा है। उनके लिए काम क्यों करती हैं। हम पूछते हैं कि इसमें आपत्ति क्या है।
हम विभाजन की राजनीति नहीं करते हैं और जो धर्म के आधार पर समाज को बांटने की राजनीति करते हैं, उनसे घृणा और लज्जा लगती है। उन्होंने कहा कि जो देश का नेता होता है वो सब को साथ ले कर चलते हैं और जो कुर्सी के लिए राजनीति करते हैं वे समाज को बांटते हैं। ये लोग आते और चले जाते हैं।