-- फूंक फूंक कर कदम आफस्पा के मुद्दे पर भाजपा फूंक फूंक कर कदम रही है। पार्टी पिछले पांच सालों में शांति बनाए रखने तथा विकास के मुद्दे को जोरशोर से उछाल रही है। पार्टी सड़क मार्ग को बेहतर, इंफाल हवाई अड्डे को विकसित करने तथा रेल लाने का श्रेय ले रही है। जबकि कांग्रेस प्रदेश में समान विकास का वादा कर रही है।
-- तस्वीर भाजपा बनाम कांग्रेस की
वैसे तो एनपीएफ समेत कई क्षेत्रीय दल मैदान में हैं, पर तस्वीर भाजपा बनाम कांग्रेस की बनती दिखती है। क्षेत्रीय एवं अन्य दल सीटों की सेंधमारी मे लगे हैं। राज्य में पुरुषों से ज्यादा महिला मतदाताओं की संख्या है, पर चुनावी मैदान में उनकी हिस्सेदारी कम है।
-- कुकी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने के लिए हिंदू मैतेई मतदाताओं के साथ नागा एवं कुकी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है। पार्टी राष्ट्रवाद का मदुद भी भुना रही है। नागा बाहुल्य सीटों पर एनपीएफ और भाजपा में सीधा मुकाबला दिख रहा है। कांग्रेस अल्पसंख्यक मतों के ध्रुवीकरण के प्रयास में हैं।जदयू और शिवसेना भी राज्य में अपनी जमीन तलाश रही है।
-- क्षेत्रीय दलों के पनपने के आसार
टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा और कांग्रेस में असंतोष से क्षेत्रीय दलों के पनपने के आसार भी नजर आ रहे हैं। क्षेत्रीय दलों के उभार से निश्चित ही भाजपा और कांग्रेस को नुकसान पहुंच सकता है। पिछले चुनाव में कई सीटों पर जीत हार का अंतर कम था। मतों का मामूली बिखराव बड़े दलों पर भारी पड़ सकता है। राज्य में नई सरकार का रास्ता क्षेत्रीय दलों के प्रदर्शन पर ज्यादा निर्भर करता है। देखना दिलचस्प होगा कि एनपीएफ और अन्य दलों की चुनौती से भाजपा और कांग्रेस कैसे पार पाती है।