– जयनगर का राजनैतिक इतिहास :-
1962 में यहां से कांग्रेस के परेश नाथ कायल ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1967 के चुनाव में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (एसयूसीआई) के उम्मीदवार चिट्टा राय ने जीत हासिल की। 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की और शक्ति कुमार इस सीट से सांसद चुने गए। 1977 में हुए चुनाव में शक्ति कुमार ने भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 1980 से लेकर 2009 तक इस सीट पर रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा रहा। सनत कुमार मंडल ने 29 वर्षों तक लगातार सांसद के तौर पर इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। 2014 के चुनाव में पहली बार ममता लहर में यहां टीएमसी का डंका बजा और प्रतिमा मंडल यहां से सांसद चुनी गईं।– विधानसभा सीटें और मुद्दे :-
इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 7 विधानसभा सीटें गोसाबा, बासंती, कुलतली, जयनगर, कैनिंग पश्चिम, कैनिंग पूर्व और मगराहटा विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से पांच सुरक्षित सीटें हैं। अल्पसंख्यकों का विकास यहां एक बड़ा मसला है। राजनीतिक दल इसी को लेकर दावे-वादे कर मतदाताओं का वोट हासिल करते आए हैं। नारी तस्करी भी इस संसदीय क्षेत्र का एक गंभीर मसला रहा है। इसके अलावा सुंदरवन का ज्यदातर हिस्सा यहां पडऩे की वजह से मछुआरों की संख्या यहां अधिक है और उनसे जुड़े मसले भी एक अहम मुद्दा है।