अनिवार्य रूप में बंद हो जंक फूड मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पश्चिम बंगाल के सभी संबद्ध सभी कॉलेजों और विश्वविदयालयों में जंक फूड की ब्रिकी बंद करने के लिए वर्ष २०१६ अक्टूबर को ही विश्वविदयालयोंं के कुलपतियों को जंक फूड की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया था।
अनिवार्य तौर पर कुलपतियों को किया तलब
यूजीसी की ओर से गत २१ अगस्त को जारी की गई अधिसूचना में लगभग २ साल बाद संस्थानों के कैंटीनों में जंक फूड बिक्री बंद के लिए क्या-क्या उपाय किए गए हैं इसक ी रिपोर्ट मांगी गई थी। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित करते हुए पूछा गया था कि जंक फूड बिक्री बंद करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? इसके साथ ही युवा पीढ़ी के जागरूक करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
यूजीसी की ओर से गत २१ अगस्त को जारी की गई अधिसूचना में लगभग २ साल बाद संस्थानों के कैंटीनों में जंक फूड बिक्री बंद के लिए क्या-क्या उपाय किए गए हैं इसक ी रिपोर्ट मांगी गई थी। विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को संबोधित करते हुए पूछा गया था कि जंक फूड बिक्री बंद करने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं? इसके साथ ही युवा पीढ़ी के जागरूक करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
कैंटीन में मिलते हैं ये जंक फूड
कोल्ड ड्रिंक, नूडल, बर्गर, पिज्जा, सैंडविच, चिप्स, नमकीन, मंचूरियन, समोसा, पकोड़ा, केक, चॉकलेट, सहित कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो जंक फूड की श्रेणी में आते हैं। इनमें से किसी भी प्रकार के पौष्टिक तत्व नहीं है जिससे शरीर को कुछ लाभ मिले।
कोल्ड ड्रिंक, नूडल, बर्गर, पिज्जा, सैंडविच, चिप्स, नमकीन, मंचूरियन, समोसा, पकोड़ा, केक, चॉकलेट, सहित कई ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो जंक फूड की श्रेणी में आते हैं। इनमें से किसी भी प्रकार के पौष्टिक तत्व नहीं है जिससे शरीर को कुछ लाभ मिले।
क्या कहते हैं विद्यार्थी फास्ट फूड पर रोक के बारे में तो कभी सुना नहीं। पहले जयपुरिया कॉलेज के कैं टीन में भी मिलता था, अब कलकत्ता विश्वविद्यालय में भी मिलता है। कोलड्रिंक्स सहित कई ऐसे भोज्य पदार्थ है जो कैंटीन में मिलते हैं व सभी छात्र सेवन करते हैं।
– शुभम जैन, स्नातक उत्तीर्ण।
– कलकत्ता विश्वविद्यालय। ————————– विद्यार्थियों को भूख लगेगी तो वो कहां जाएंगे। हम कैंटीन से खरीदकर खाते हैं। वेज रोल, बर्गर जैसे व्यंजन खाने में सुविधा होती है। परिसर में भोजन नहीं मिलेगा ऐसा तो कभी सुना ही नहीं। यहां कई कैंटीन है व सभी छात्र खाते हैं।
– कलकत्ता विश्वविद्यालय। ————————– विद्यार्थियों को भूख लगेगी तो वो कहां जाएंगे। हम कैंटीन से खरीदकर खाते हैं। वेज रोल, बर्गर जैसे व्यंजन खाने में सुविधा होती है। परिसर में भोजन नहीं मिलेगा ऐसा तो कभी सुना ही नहीं। यहां कई कैंटीन है व सभी छात्र खाते हैं।
– रिया शर्मा, स्नातक दिवतीय वर्ष।
– जादवपुर विश्वविद्यालय।
– जादवपुर विश्वविद्यालय।