निगम के एक विभागीय अधिकारी ने बताया कि ग्रीन ट्राइब्यूनल के निर्देश को पालन करना महानगर में थोड़ा कठिन है क्योंकि यहां सडक़ के नीचे से जल, विद्युत, टेलीफोन, निकासी, केवल, गैस आदि की लाइनें जाती है। इसकी वजह से अक्सर खुदाई का काम चलता रहता है ऐसे में कोल्ड मीक्स उपयुक्त विकल्प नहीं है। मगर फिर भी उनके निर्देश के पालन हेतु कोल्ड मीक्स प्लांट को इस्तेमाल करते हुए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। आईटीआईटी सडग़पुर और सीआरआरआई के विशेषज्ञ उसकी समीक्षा करेगें। साथ ही कोल्ड मीक्स प्लांट को लेकर विभाग की ओर से जल्द ही एक कार्यशाला भी लगाई जाएगी। उनके अनुसार समीक्षा रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाइ की जाएगी।