प्रशांत किशोर- राजनीतिक रणनीतिकार- वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से चर्चा में आए इस रणनीतिकार का करियर उतार चढ़ाव भरा रहा है। कभी भाजपा का कैम्पेन संभालकर उसे सत्ता में पहुंचाया तो कभी इनका अभियान औंधे मुंह गिर पड़ा। २०१९ के लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल में भाजपा के उत्थान के बाद तृणमूल कांग्रेस ने Prashant Kishore से सहायता मांगी। अब किशोर तृणमूल कांग्रेस के लिए दनादन अभियान डिजायन कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं।
अभिषेक बनर्जी- डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी ममता के भतीजे हैं। वे पार्टी की युवा इकाई के नेता हैं। जनसभाओं में ममता बनर्जी के बाद उन्हीं की मांग रहती है। संगठन में उनकी दखल जबरदस्त है। वे दो दशकों पुरानी पार्टी के नए चेहरे हैं। दूसरी पीढ़ी के नेताओं की फौज उनके साथ है। बूथ स्तर पर उनका नेटवर्क है। नए नेताओं को आगे लाने में उनकी भूमिका देखी जा रही है। आक्रामक शैली के वक्ता अभिषेक पार्टी में अनकहे दूसरे नंबर पर हैं। प्रशांत किशोर से ममता बनर्जी की मुलाकात और चर्चा में उनकी भूमिका रही है।
शुभेन्दु अधिकारी– पूर्व मिदनापुर के अधिकारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले शुभेन्दु ममता बनर्जी के खास सिपहसलार हैं। पार्टी के उन गिने चुने नेताओं में हैं जिनकी स्वीकार्यता राज्य के सभी हिस्सों में है। जिनका जनाधार है। युवा नेताओ में लोकप्रिय हैं। संगठन के कई महत्वपूर्ण जिलों के प्रभारी हैं। मुकुल राय के पार्टी छोडऩे से पहले ही वे उनकी काट जुगाडऩे के काम में लगे हुए थे। राज्य सरकार में मंत्री शुभेन्दु के पास कई महत्वपूर्ण विभाग भी हैं।
फिरहाद हकीम- दक्षिण कोलकाता से ताल्लुक रखने वाले फिरहाद आज ममता के सर्वाधिक विश्वस्तों में गिने जा रहे हैं। शोभन चटर्जी को मेयर पद से हटाए जाने के बाद उनकी मेयर के तौर पर ताजपोशी इस तथ्य को पुख्ता करती है। भाजपा के प्रसार के बाद निकायों के जनप्रतिनिधियों में मची टूट को रोकने की जिम्मेवारी निभा रहे हैं। इन दिनों पार्टी का मीडिया के सामने पक्ष रख रहे हैं। कोलकाता नगर निगम और आसपास के जिलों में लगातार दौरे कर कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे हैं।
पार्थ चटर्जी- राज्य के शिक्षा मंत्री व दक्षिण कोलकाता के इस तृणमूल नेता पर पार्टी की नीतियों को सबके सामने रखने की जिम्मेवारी है। केन्द्र व भाजपा के नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हैं। संगठन की बैठकों में पार्टी महासचिव सुब्रत बक्शी के साथ मौजूद रहते हैं। संयमित भाषा में विरोधियों पर हमले करते हैं। ममता बनर्जी के विश्वासपात्र हैं। पार्टी के गठन के समय से ही तृणमूल सुप्रीमो के साथ हैं।