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kolkata birthday : आज के ही दिन मनाया जाता था कोलकाता का जन्मदिन फिर हाईकोर्ट ने लगाई मनाही जानिए क्यों

locationकोलकाताPublished: Aug 24, 2019 07:45:37 pm

Submitted by:

Paritosh Dube

दशकों तक 24 अगस्त को कोलकाता का जन्मदिन कहा जाता रहा। यह भी कहा जाता रहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के एजेंट जॉब चार्नक ने इसी दिन वर्ष 1690 में शहर की स्थापना की थी। स्कूल की किताबों, सरकारी आयोजन होते रहे, फिर एक दिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने कह दिया कि कलकत्ता का कोई जन्मदिन नहीं है।

kolkata birthday : आज के ही दिन मनाया जाता था कोलकाता का जन्मदिन फिर हाईकोर्ट ने लगाई मनाही जानिए क्यों

kolkata birthday : आज के ही दिन मनाया जाता था कोलकाता का जन्मदिन फिर हाईकोर्ट ने लगाई मनाही जानिए क्यों

कोलकाता. ब्रितानिया हुकूमत के ताज की राजधानी रहे कलकत्ता (Kolkata) के निर्माण, उत्थान की कहानी कम दिलचस्प नहीं है। यह शहर विदेशी व्यापारियों, ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company )के एजेंटों, वैश्विक शक्तियों के परस्पर संघर्ष और समन्वय का केन्द्र रहा। विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक आंदोलनों का केन्द्र रहा। कभी ब्रिटिश उपनिवेशवाद फला फूला तो कभी स्वतंत्रता के दीवानों की कर्मस्थली रहा। इस शहर को किसी ने सिटी ऑफ ज्वॉय (City Of Joy) कहा तो किसी ने तिल्लोतमा कोलकाता। शहर का भूगोल बदला, इतिहास बदला, शहर बदला और यहां तक की जन्मदिन भी बदल गया।
चौंक गए न। जी हां, आजादी के दशकों बाद तक कोलकाता का जन्मदिन 24 अगस्त को मनाया जाता रहा। शहर की स्थापना का श्रेय ईस्ट इंडिया कंपनी के एजेंट जॉब चार्नक को दिया जाता रहा। सरकारी किताबों में लिखा दिया गया कि चार्नक ने 24 अगस्त 1690 के दिन कोलकाता, सूतीनाटा और गोविंदपुर नाम के तीन गांवों को मिलाकर कलकत्ता का निर्माण किया। आजादी के बाद दशकों तक शहर का जन्मदिन 24 अगस्त को मनाया जाता रहा। फिर अचानक एक दिन कलकत्ता हाईकोर्ट ने कह दिया कि कलकत्ता का कोई जन्म दिन नहीं है। न ही जॉब चार्नक ने कलकत्ता की स्थापना की। हाईकोर्ट ने किताबों से सरकारी रिकार्ड से उक्त जानकारियां निकालने की भी बात कही।
जमींदार परिवारों ने दायर की थी याचिका
दरअसल वर्ष 2001 में द सवर्ण राय चौधरी परिवार परिषद की ओर से कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने माना था कि जॉब चार्नक कलकत्ता की स्थापना करने वाले नहीं थे। वर्ष २००३ में अदालत के फैसले में कहा गया था कि कलकत्ता का कोई जन्मदिन नहीं है। परिवार परिषद ने अपनी याचिका में कलकत्ता का जन्मदिन २४ अगस्त को मनाए जाने, जॉब चार्नक के इसके स्थापक होने को चुनौती दी थी। सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच आयोग के गठन की मांग की थी। अदालत ने जाने माने इतिहासविदों को लेकर आयोग का गठन किया था। जिसने वर्ष 2003 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके आधार पर अदालत ने कलकत्ता का कोई जन्मदिन नहीं होने की बात कही थी। परिवार परिषद ने अपनी याचिका के समर्थन में 1698 की लैंड डीड भी पेश की थी जो लंदन स्थित संग्रहालय से मंगाई गई थी। इसके अलावा परिवार ने सन 1660 के समय का कलकत्ता का नक्शा व अन्य दस्तावेज भी सामने रखे थे। जिसके आधार व पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने यह फैसला सुनाया था।
1500 साल पुराना है कलकत्ता
इतिहासकारों के एक वर्ग का मानना है कि कलकत्ता का इतिहास लगभग 15 सौ वर्ष पुराना है। लंबे समय से यह इलाका व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र रहा। पुर्तगालियों के यहां 1510 में आने के प्रमाण भी मिलते हैं।
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