पांच दशकों से पहलवानी कर रहे हनुमान पहलवान बताते हैं कि नई पीढ़ी के पहलवालों को लंगोट से परहेज है। वे नए तरीके के व्यायाम उपकरणों की मांग भी करते हैं। उनके बाबा ने अखाड़े में प्रशिक्षण को निशुल्क रखने का वायदा लिया था इसलिए वे अभी भी कसरत करने वालों से शुल्क नहीं लेते। सरकारी सहायता नहीं मिलती। निजी संसाधनों से अखाड़े का संचालन करते हैं।
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तारा सुंदरी व्यायामशाला से कई नामी पहलवानों का नाता रहा। यहां से अर्जुन सिंह, बचऊ, संगठा, भोला पहलवान जैसे नाम निकले। अभी दीनानाथ, बबऊ पहलवान नाम कमा रहे हैं। अखाड़े से नाता रखने वालों में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भी शामिल है।
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साइमन को दिखाया था काला झंडा
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के मित्र पहलवान अर्जुन सिंह ने अंग्रेजों का विरोध करते हुए अंग्रेज अधिकारियों के आयोग साइमन कमीशन को हावड़ा ब्रिज पर काला झंडा दिखाया था। जिसके बाद अखाड़े में देशभक्त युवाओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो गई।