कोलकाताPublished: Dec 18, 2019 07:41:19 pm
Manoj Singh
लागातार चार दिन तक सीएए के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव की स्थिति चरम पर पहुंच गई थी। हिंसा के दौरान राज्य की स्थिति के बारे में जानने के लिए राज्यपाल के बुलाने पर राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और डीजीपी वीरेन्द्र राजभवन नहीं गए। लेकिन मंगलवार को क्यों बदल गई ।
हिंसक विरोध के दौरान क्षतिग्रस इलाकों में जाएंगे राज्यपाल
कहा, सरकारी और संवैधानिक पद बैठे लोग की ओर से सीएए का विरोध करना अपराध
कोलकाता
लागातार चार दिन तक संशोधित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के हिंसक विरोध प्रदर्शन चलने के दौरान इस मामले को ले कर राज्य सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच टकराव की स्थिति चरम पर पहुंच गई थी। हिंसा के दौरान राज्य की स्थिति के बारे में जानने के लिए राज्यपाल के बुलाने पर राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और डीजीपी वीरेन्द्र राजभवन नहीं गए। लेकिन मंगलवार को स्थिति बदल गई और बुधवार को दोनों पक्ष नरम हो गया।
राज्य के मुख्यसचिव और डीजीपी ने इस दिन राज्यपाल से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान राज्य के दोनों आला अधिकारियों ने राज्यपाल को संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के हिंसक विरोध के दौरान राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल ने हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त इलाकों में जाने की इच्छा जाहिर की है।
राज्य के दोनों आला अधिकारियों से मिलने के बाद इस दिन शाम राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर होने के नाते वे पिछले चार-पांच दिनों में सीएए के हिंसा विरोध प्रदर्शन के दौरान क्षतिग्रस्त जिलों में जाना चाहते हैं। उन्होंने इस बारे में मुख्य सचिव और डीजीपी को बताया दिया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि स्थिति सामान्य होने पर राज्य सरकार हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त इलाकों में उनके जाने की व्यवस्था करेगी।
मुख्य सचिव और डीजीपी से मिलने के बाद वे इस दिन शाम को राजभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने सीएए का विरोध कानूनन अपराध करार बताया और राजनीतिक दलों के नेताओं से इस कानून के बारे में बिना कुछ जाने लोगों में भ्रमन नहीं फैलाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने पर नागरिकता संशोधित बिल (सीएबी) कानून बन कर सीएए बन गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने इस पर हस्ताक्षर कर दिया है। अब इसके विरोध में राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता क्या कर रहे हैं वे उनके विवेक पर छोड़ दे रह हैं। लेकिन जो लोग सरकारीर और संवैधानिक पद पर है वे इस कानून को मानने के लिए बाध्य हैं। वे इसका विरोध नहीं कर सकते। इस कानून का विरोध करना अपराध है।
विजयवर्गीय का रास्ता रोक कर प्रदर्शन गंभीर स्थिति
मुर्शिदाबाद जाते समय नवग्राम में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का रास्ता रोक कर विरोध प्रदर्शन किए जाने को राज्यपाल ने गंभीर स्थिति बताया। उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। लेकिन उम्मीद है कि पुलिस कार्रवाई कर स्थिति को सामान्य कर देगी।