निगम के कचरा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक धापा डम्पिंग ग्राउंड 35 हेक्टेयर इलाके में है। सन 1987 से यहां शहर का कचरा फेंका जाता है। रोजाना 4 हजार टन से अधिक कचरा फेंके जाने के कारण ग्राउंड का आधा से अधिक हिस्सा पहले ही भर चुका है। अभी सालाना तौर पर ग्राउंड में १४.३७ लाख मेट्रिक टन कचरा फेंका जा रहा है।
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– सफाई के अन्य उपाय
बैटरी चालित पर्यावरण हितैषी 100 हाईड्रोलिक डम्पर खरीदने के लिए टेंडर जारी किया जाना है।
शहर के मुख्य मार्गों की सफाई के लिए 3 मध्यम और 3 छोटे आकार के मेकानिकल स्विपिंग मशीनों की खरीद होगी।
जैविक अजैविक कचरा अलग करने के लिए 20 वार्डों के निवासियों में अलग-अलग रंगो की बाल्टियां बांटी गई हैं।
बिजनेस डिस्ट्रिक्ट और भीड़ भाड़ वाले इलाकों में शाम और रात को भी सफाई किए जाने की तैयारी हो रही है।
शहर में 60 पोर्टबल कॉम्पेक्टर व 20 अत्याधुनिक वेस्ट कॉम्पेक्टर स्टेशन का निर्माण किया गया है।
गलियों की सफाई के लिए कुल 33 चलने वाले कॉम्पेक्टर खरीदे गए हैं।
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– क्लीन व ग्रीन सिटी बनेगा कोलकाता
शहर को क्लीन व ग्रीन सिटी में बदलने के लिए साफ-सफाई रखना आवश्यक है। धापा पर बढ़ते दबाव से निपटने के लिए दो नए डम्पिंग ग्राउंड बनाने का काम कर रहा है। कचरा रिसाइकल करने की योजना पर भी जोर दिया जा रहा है। साथ ही निगम का प्रयास रहेगा कि शहर में निकासी की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाए।
फिरहाद हकीम, मेयर कोलकाता नगर निगम