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कोलकाता

west bengal- तेवर – ममता ने केंद्र सरकार को किया चैलेंज, हिम्मत है तो छूकर दिखाओ..

-एनआरसी के नाम पर बंगाल में एक भी व्यक्ति को छूआ, तो हम उन्हें सबक सिखा देंगे
-असम की तरह बंगाल का मुंह बंद नहीं कर पाएंगे.

कोलकाताSep 12, 2019 / 07:37 pm

Krishna Das Parth

west bengal- तेवर - ममता ने केंद्र सरकार को किया चैलेंज, हिम्मत है तो छूकर दिखाओ..

west bengal- तेवर – ममता ने केंद्र सरकार को किया चैलेंज, हिम्मत है तो छूकर दिखाओ..

तेवर – ममता ने केंद्र सरकार को किया चैलेंज, हिम्मत है तो बंगालियों को छूकर दिखाओ..
कोलकाता.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को अपना तेवर दिखाते हुए एनआरसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को चैलेंज करते हुए कहा कि एनआरसी के नाम पर यदि एक भी बंगाली को छूआ गया तो ठीक नहीं होगा। एनआरसी के नाम पर बंगाल में एक भी व्यक्ति को छूआ, तो हम उन्हें सबक सिखा देंगे। उन्होंने कहा, कि आप अपनी पुलिस का उपयोग करके असम की तरह बंगाल का मुंह बंद नहीं कर पाएंगे. अचानक, आप हमें धर्म सिखा रहे हैं जैसे कि हम ईद, दुर्गा पूजा, मुहर्रम और छठ पूजा नहीं मनाते हैं. हमारे लिए हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी बराबर हैं। मैं एनआरसी के लिए सहमत नहीं हूं।
ममता बनर्जी ने असम में एनआरसी के खिलाफ उत्तर कोलकाता के सिंथी मोड़ से श्यामबाजार तक आज एक रैली निकाली. अपनी पार्टी के सहयोगियों के साथ तृणमूल कांग्रेस के सुप्रीमो ने दोपहर तीन बजे के करीब सिंथी मोड़ से रैली निकाली जो लगभग पांच किलोमीटर दूर श्यामाबाजार पांच मुहाने के पास जाकर खत्म हुई। रैली को स्वागत करने के लिए जगह-जगह पर मंच बनाए गए थे। जहां से तृणमूल समर्थक ममता के समर्थन में नारे भी लगा रहे थे।
बांटने का प्रयास करने का आरोप


एनआरसी की मुखर आलोचक तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने बीजेपी पर इस कदम के जरिए लोगों को बांटने का प्रयास करने का आरोप लगाया. पार्टी ने एनआरसी को अपडेट किए जाने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों में सात और आठ सितंबर को रैलियां निकाली थी. असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का प्रकाशन 31 अगस्त को हुआ. कुल 3.29 करोड़ से ज्यादा आवेदकों में 19 लाख से ज्यादा लोग इस सूची से बाहर रह गए.
चिंता जताई थी


इससे पहले सीएम ममता ने बड़ी संख्या में बंगालियों को एनआरसी की अंतिम सूची से ‘बाहर’ रखे जाने पर भी चिंता जताई थी. ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा था, ”एनआरसी की विफलता ने उन सभी लोगों को उजागर कर दिया है जो इससे राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें देश को बहुत जवाब देने है.” मुख्यमंत्री ने कहा था, ”ऐसा तब होता है जब कोई कार्य समाज की भलाई और देश के व्यापक हित के बजाय गलत उद्देश्य के लिए किया जाये.” इसके साथ ही उन्होंने कहा था, ”मेरी हमदर्दी उन सभी, विशेषकर बड़ी संख्या में बांग्ला भाषी भाइयों और बहनों के साथ है, जो इस व्यर्थ की प्रक्रिया के कारण पीड़ित हुए हैं.”
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