उल्लेखनीय है कि इस वार्ड में लगभग 100 से अधिक निवासी पिछले 15-20 दिनों से इस रोग से प्रभावित हैं। कुछ लोगों की हालत में पहले से सुधार हुआ है। कुछ नए लोग भी इसकी चपेट में आए हैं। वार्ड नं. 99 के विद्यासागर कॉलोनी, गांगुलीबागान, रामगढ़ आदि कुछ ऐसे इलाके हैं, जो बुरी तरह प्रभावित हैं। निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार विद्यासागर कॉलोनी से संग्रह किए गए पेयजल नमूनों से सवाॢधक जीवाणु पाए गए हैं। हालांकि यह प्रदूषित पेयजल कहां से आपूर्ति किया जाता है, इस इलाके में किस माध्यम से लाया जाता है? इसका अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को एक बार फिर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी प्रभावित इलाकों में गए और पेयजल के नमूनों को संग्रह किए। साथ ही वे मरीजों की हालत से जुड़ी जानकारी भी समय-समय पर निगम के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र व अन्य स्थानीय अस्पतालों से ले रहे हैं। साथ ही निगम की ओर से माइकिंग कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
– 7 दिनों तक चलेगी निगरानी :
कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि वे इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। अब तक की आई रिपोर्ट के अनुसार निगम के किसी भी स्टैंड पोस्ट अथवा पाइपलाइन से संक्रमित जीवाणु नहीं पाए गए हैं। 2-4 बोतल बंद डिब्बों में कॉलीफॉर्म बैक्टेरिया पाए गए हैं, लेकिन वे किस कंपनी के हैं? इस बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य वभिाग के अधिकारियों को अगले 7 दिनों तक इलाके में विभिन्न माध्यों से स्पलाई किए जाने वाले पेयजल के नमूनों को संग्रह कर उसके उद्गम स्थान के बारे में पता लगाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही मरीजों पर भी विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। अगले 7 दिनों में स्थिति सामान्य नहीं होने पर निगरानी की अवधि बढ़ाई जाएगी। फिलहाल स्थानीय लोगों को आतंक से निकलकर जागरूक रहने की सलाह दी जा रही है।