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कर्नाटक सरकार के रडार पर कोलकाता का संस्थान

locationकोलकाताPublished: May 06, 2018 07:20:57 pm

Submitted by:

MANOJ KUMAR SINGH

ईआसीए इडु स्किल संस्थान को कर्नाटक सरकार ने जनवरी 2018 से ही इस संस्था को अपनी काली सूची में डाल दिया और इस पर जुर्माना भी लगाया ।अभी सरकार के फैसलवे

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आईसीए इडु स्किल पर लगा प्लेसमेन्ट के रिकॉर्ड घालमेल करने का आरोप
कोलकाता

प्लेसमेन्ट के रिकॉर्ड में घालमेल करने के आरोप में महानगर के युवाओं का कौशल विकास करने और उन्हें विभिन्न कंपनियों में नौकरी दिलाने वाला संस्थान ईआसीए इडु स्किल संस्थान कर्नाटक सरकार के रडार पर है। उक्त राज्य के कौशल विकास विभाग ने जनवरी 2018 से ही इस संस्था को अपनी काली सूची में डाल दिया है और साथ ही इस पर जुर्माना भी लगाया है। हालांकि संस्थान की ओर से संबंधित प्राधिकरण के समक्ष अपील करने पर अप्रेल में राज्य सरकार की ओर से इस संस्थान को काली सूची में शामिल करने के निर्देश पर रोक लग गई। इसके बाद कर्नाटक सरकार ने मई में फिर से उक्त संस्थान पर जुर्माना लगाया। लेकिन उसने कौशल विकास के मिशन के निदेशक को विशेष टीम गठन कर दिशानिर्देश और प्लेसमेन्ट रिकॉर्ड की जांच करने का निर्देश भी दिया। कर्नाटक सरकार के निर्देश में कहा गया है कि प्लेसमेन्ट के जो रिकॉर्ड संदेह के घेरे में है उसका फिर से मूल्यांकन किया जाना है। यह भुगतान के लिए लंबित पड़ा है। कोलकाता के दूसरे संस्थान भी दूसरे राज्यों में कौशल विकास मिशन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अगर आईसीए इडु स्किल पर लगे आरोप सही साबित होता है तो इसका प्रभाव महानगर के दूसरे संस्थानों पर भी पड़ेगा। अगर आईसीए इडु स्किल पर लगे आरोप आरोप सही साबित होता है तो कौशल विकास मिशन योजना के लिए दूसरे राज्यों में काम कर रहे कौशल विकास और प्लेसमेन्ट करने वाले संस्थानों की शाख पर बट्टा लगेगा। दूसरे राज्य सरकारे भी इस क्षेत्र में का काम करने वाले संस्थानों पर शक करना शुरू कर देंगे। इसका असर योजना और संस्थान, दोनों के काम-काज पर भी पड़ेगा।
रख रहे अपना पक्ष
आईसीए इडु स्किल के मालिक नरेन्द्र शमसुक ने बताया कि कर्नाटक सरकार के अधिकारियों को समझने में कुछ गलतफहमियां हुई है और फैसला सुना दिया गया है। बिना सुनवाई के ही हमारे संस्थान को काली सूची में डालने का निर्देश दिया गया है। हम अपना पक्ष रख रहे हैं। दरअसल यह कर्नाटक सरकार के अधिकारियों की गलतफहमी के कारण हुआ है। सरकार ने मामले की बिना सुनवाई नहीं की और न ही हमारा पक्ष पूछा और हमारे संस्थान को कालू सूची में सूचीबद्ध करने का निर्देश जारी कर दिया।
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