—– बैंक से लिए थे 25 लाख रुपए इब्राहिमपुर निवासी अनिर्वान सरकर और अर्जीत सरकार दोनों भाई 8 साल पहले बैंक ऑफ बड़ौदा से व्यवसाय के लिए 25 लाख रुपए बतौर ऋण लिए थे। इस पैसे से रानी कुटी इलाके में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्डस की दुकान खोले थे। दुकान अच्छी नहीं चलती थी। दुकान से थोड़ी-बहुत जो आय होती थी, उससे घर का खर्च चलता था। बैंक का ऋण चुकता नहीं कर पा रहे थे। आर्थिक तंगी को लेकर परिवार के सभी सदस्य परेशान थे।
बाउंसर कर रहे थे परेशान स्थानीय लोगों का आरोप है कि आर्थिक तंगी के कारण सरकार परिवार ऋण चुका नहीं कर पा रहा था। बैंक कर्ज वसूली के लिए इन पर दबाव बना रहा था। बैंक अपने पोषित बाउंसर आए दिन इस परिवार को धमकी देने के लिए भेजता था। घर पर आकर बाउंसर इन्हें जलील कर रहे थे। लोगों का कहना है कि बैंक और बैंक के बाउंसर के दबाव से परेशान होकर परिवार ने जहर खाया है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है। जांच जारी है।
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रसगुल्ले में मिलाकर खाए जहर पुलिस के अनुसार अर्जीत सरकार ने बताया है कि उसका परिवार आर्थिक तंगी से परेशान था, इसलिए वे जहर खाकर आत्महत्या करने का फैसला किए थे। रसगुल्ले में जहर मिला कर तीनों खाए थे। पुलिस ने अनिर्वान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि वे कौन सी जहर खाए थे।
रसगुल्ले में मिलाकर खाए जहर पुलिस के अनुसार अर्जीत सरकार ने बताया है कि उसका परिवार आर्थिक तंगी से परेशान था, इसलिए वे जहर खाकर आत्महत्या करने का फैसला किए थे। रसगुल्ले में जहर मिला कर तीनों खाए थे। पुलिस ने अनिर्वान के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि वे कौन सी जहर खाए थे।
—– 16 साल पहले कर्ज से परेशान होकर पिता ने की थी आत्महत्या सोलह साल पहले अनिर्वान के पिता दीपक सरकार ने भी बैंक के कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। वर्ष 2002 में दीपक की मौत हुई थी।