अब तक 16 उबरे संक्रमण से
बुधवार को बेलियाघाटा आई डी एंड बी जी अस्पताल से तीन लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। अब तक 16 लोग इस संक्रमण से उबर चुके हैं। राज्य में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या अब तक पांच है। ममता ने बताया कि बेलियाघाटा आई डी अस्पताल में 13 मरीज भर्ती हैं। उनमें से दो में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है और जल्द ही उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी। ममता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में अपनी बहादूरी और निष्ठा का परिचय दे रहा है।
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एनआरएस के डॉक्टर संक्रमणमुक्त
मुख्यमंत्री ने बताया कि नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 30 डॉक्टरों, पांच नर्सों और चार तकनीशियनों को संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने के बाद पृथक सेवा में रखा गया था। उन सभी में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि राहत की बात है कि उनमें से कोई संक्रमित नहीं है। इतने डॉक्टरों के पृथक होने के कारण मैं परेशान हो गई थी।
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तीन टास्क फोर्स का गठन
लॉकडाउन के दौरान किन किन वस्तुओं और क्षेत्रों को छूट दी जाए तथा आर्थिक संकट का मुकाबला किस प्रकार किया जाए आदि विषयों को लेकर मुख्यमंत्री ने तीन अलग-अलग टास्क फोर्स गठन करने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि वह असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए काम के मोर्चे पर “सीमित छूट” दिए जाने के विकल्प पर विचार कर रही हैं। कारण असंगठित क्षेत्र के श्रमिक ही लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित लोगों में से हैं।
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लॉकडाउन: मानवीय आधार पर फैसला हो
विश्व स्वास्थ्य संगठन और विशेषज्ञों के विचारों के हवाले से मुख्यमंत्री ने कहा कि 49 दिनों के लॉकडाउन पर जोर दिया जा रहा है। इसके आधार पर 24 मार्च से 19 मई तक यदि हम सब कष्ट होने के बावजूद सावधान रहते हैं तो सबका भला होगा। लॉकडाउन की अवधि यदि बढ़ाई जाए तब इसका फैसला मानवीय आधार पर करना चाहिए, इसे लेकर किसी भी रूप में मनमानी ठीक नहीं होगी।