बिटिया अपने माता-पिता के कार्यालय पहुंचकर कामकाज से हुई रू-ब-रू बिटिया एट वर्क कोलकाता. राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचन्द्र कुलिश की जयंती पर पश्चिम बंगाल में सोमवार को बिटिया इन ऑफिस का आयोजन किया गया। इस दिन बिटिया अपने माता-पिता के कार्यालय पहुंचकर कामकाज से रू-ब-रू हुईं। बेटियों ने आगे बढऩे का हुनर पापा से सीखा। पिता के साथ बैठकर कार्यप्रणाली को समझा। उनके लिए एक सुखद अनुभूति वाला पल रहा। बेटियों ने पिता द्वारा किये जा रहे कार्यों में दिलचस्पी दिखाई और खुद को गौरवान्वित महसूस किया। कार्यालय में आकर उनको विश्वास हो गया कि पिता का मार्गदर्शन उन्हें सफलता दिला सकता है--ऑफिस: क्षेत्रीय निदेशक साहित्य अकादमीबिटिया का नाम: अक्षरा अनुपमपिता का नाम: डॉ. देवेन्द्र कुमार देवेश मेरे पिता बहुत मेहनत से काम करते हैं। पापा ने कार्यक्षेत्र की बारीकियां समझाईं अपने दायित्व बताए। दैनिक कामकाज कैसे होता है यह समझाया। कविता, कहानी, उपन्यास, लेख, निंबंध जैसी विधाओं की बारिकियां बताईं। मेहनत का फलमीठा होता है। पापा की तरह खूब मेहनत कर उनका नाम रोशन करूंगी।- अक्षरा अनुपम--ऑफिस: तपसिया बिटिया का नाम: प्रिशा अग्रवाल पिता का नाम: मुकेश अग्रवाल मेरे पिता ने मुझे हमेशा कठिन परिश्रम, समय के पाबंद और अनुशासित होने के लिए प्रेरित किया। कभी भी कोई काम अधूरा नहीं छोडऩा सिखाया। लगन से चुनौतियों का सामना करने से सफलता मिलती है। पापा के कार्यालय में आकर विश्वास हो गया कि पिता का मार्गदर्शन मुझे सफलता दिला सकता है।-प्रिशा अग्रवाल --ऑफिस: श्रीविशुद्धानंद सरस्वती मारवाड़ी अस्पतालबिटिया का नाम: यांशी शर्मा पिता का नाम: सुधीर शर्मा मेरे पिता ने लगन से चुनौतियों का सामना करने की सीख दी। कार्यालय में आकर जाना कि किस तरह की चुनौतियां का सामना वे आत्मविश्वास से करते हैं। प्रेरणा मिली।-यांशी शर्मा --ऑफिस: बड़ाबाजार, किचन युटेंसिल्स बिटिया का नाम: महक बागड़ी पिता का नाम: जगदीश प्रसाद बागड़ी पिता के ऑफिस जा कर उनके द्वारा किए जा रहे काम को बारीकी से जाना। यहां आने पर लगा कि यह मेरे बस की बात नहीं लेकिन पापा ने हिम्मत बधाई और मैंने काफी समय यहाँ बिताया।-महक बागड़ी -- ऑफिस: ट्रेवल एजेंसी हिन्दमोटर बिटिया का नाम: निकिता कोठारीपिता का नाम: मनमोहन कोठारी ट्रेवल एजेंसी व्यवसाय में होने वाले कार्य को समझने का प्रयास किया। यह काम आसान नहीं है। क्लाइंट की मांग के मुताबिक कम कीमत में बेहतर विकल्प निकालना इस व्यवसाय की प्रमुखता है।-निकिता कोठारी--ऑफिस: बड़ाबाजार बिटिया का नाम: अंकिता भूतड़ा पिता का नाम: विजय शंकर भूतड़ा पिता के साथ बैठकर सीए की कार्यप्रणाली को समझना एक सुखद अनुभूति वाला पल रहा। पिता द्वारा किये जा रहे कार्यों में दिलचस्पी दिखाई और कम्प्यूटर में प्रतिष्ठान का लेखा जोखा देख कर खुद को गौरवान्वित महसूस किया।--ऑफिस: बैरकपुर बिटिया का नाम: लिपिका खंडेलवालपिता का नाम: अनूप खंडेलवाल पिता के आफिस में पैकेजिंग का कार्य देखा। बंगाल, राजस्थान सहित नेपाल आदि जगहों पर मेरे पिताजी यह व्यवसाय कैसे कर रहे है इसे समझ कर रोचक लगा।--ऑफिस: आरआर अग्रवाल ज्वैलर्स कोलकाताबिटिया का नाम: ऋषिका अग्रवाल पिता का नाम: रेवती रमन अग्रवाल पापा के ऑफिस में बैठने का अवसर मिला एवं आगे बढऩे का हुनर पापा से सीखा। पापा से ज्वैलर्स व्यवसाय की काफी जानकारी प्राप्त करके कॉन्फिडेंस लेवल मजबूत हुआ।-ऋषिका अग्रवाल --ऑफिस: एमिटी यूनिवर्सिटी कोलकाताबिटिया का नाम: साक्षी पुरोहितपिता का नाम: स्वयंप्रकाश पुरोहित पिता से सीखा कि कभी भी कोई काम अधूरा नहीं छोडऩा चाहिए। पापा के कार्यालय में आकर विश्वास हो गया कि पिता का मार्गदर्शन मुझे सफलता दिला सकता है।---साक्षी पुरोहित--ऑफिस: ममता कलेक्शन, (हावड़ा) बिटिया का नाम: विधिश्री भुवालका माता का नाम: ममता भुवालका मेरी मां मेरी प्रेरणा है। उन्होंने अपने दम पर ममता कलेक्शन का जो कारोबार शुरू किया उस कारोबार को एक नया आयाम देना चाहती हूं। उसको और आगे बढ़ाना चाहती हूँ। -विधिश्री भुवालका--ऑफिस: न्यूटाउनबिटिया का नाम: सम्प्रीति पुरोहितपिता का नाम: अशोक पुरोहित मेरे पिता ने मुझे मुश्किल कार्यों से दूर नहीं भागने बल्कि जूझना सिखाया है। कठिन कार्य करने से ही प्रतिभा में निखार आता है। कार्यस्थल पर आकर मुझे विश्वास हो गया कि पिता के मार्गदर्शन से कामयाबी हासिल करूंगी। - सम्प्रीति पुरोहित--ऑफिस: मध्य कोलकाताबिटिया का नाम: अंशु शर्मापिता का नाम: अमित शर्मा कार्यस्थल पर आकर महसूस किया कि मेरे पिता का काम के प्रति समर्पण है। उन्होंने समाज में बदलाव को लेकर मुझे अहम जानकारी दी। नए नए आइडिया से अवगत कराया। हमेशा से वे मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। - अंशु शर्मा--ऑफिस: बड़ाबाजारबिटिया का नाम: आस्था करनानीपिता का नाम: राजेश करनानी मेरे पिता मेडिकल लाइन से जुड़े हैं। इसलिए उनके कार्यस्थल पर आकर मुझे स्वास्थ्य को लेकर और कुछ जानने का मौका मिला। पिता ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए खान-पान पर नियंत्रण और संयमित जीवनशैली बहुत जरूरी है।- आस्था करनानी
बिटिया अपने माता-पिता के कार्यालय पहुंचकर कामकाज से हुई रू-ब-रू बिटिया एट वर्क कोलकाता. राजस्थान पत्रिका के संस्थापक कर्पूरचन्द्र कुलिश की जयंती पर पश्चिम बंगाल में सोमवार को बिटिया इन ऑफिस का आयोजन किया गया। इस दिन बिटिया अपने माता-पिता के कार्यालय पहुंचकर कामकाज से रू-ब-रू हुईं। बेटियों ने आगे बढऩे का हुनर पापा से सीखा। पिता के साथ बैठकर कार्यप्रणाली को समझा। उनके लिए एक सुखद अनुभूति वाला पल रहा। बेटियों ने पिता द्वारा किये जा रहे कार्यों में दिलचस्पी दिखाई और खुद को गौरवान्वित महसूस किया। कार्यालय में आकर उनको विश्वास हो गया कि पिता का मार्गदर्शन उन्हें सफलता दिला सकता है--ऑफिस: क्षेत्रीय निदेशक साहित्य अकादमीबिटिया का नाम: अक्षरा अनुपमपिता का नाम: डॉ. देवेन्द्र कुमार देवेश मेरे पिता बहुत मेहनत से काम करते हैं। पापा ने कार्यक्षेत्र की बारीकियां समझाईं अपने दायित्व बताए। दैनिक कामकाज कैसे होता है यह समझाया। कविता, कहानी, उपन्यास, लेख, निंबंध जैसी विधाओं की बारिकियां बताईं। मेहनत का फलमीठा होता है। पापा की तरह खूब मेहनत कर उनका नाम रोशन करूंगी।- अक्षरा अनुपम--ऑफिस: तपसिया बिटिया का नाम: प्रिशा अग्रवाल पिता का नाम: मुकेश अग्रवाल मेरे पिता ने मुझे हमेशा कठिन परिश्रम, समय के पाबंद और अनुशासित होने के लिए प्रेरित किया। कभी भी कोई काम अधूरा नहीं छोडऩा सिखाया। लगन से चुनौतियों का सामना करने से सफलता मिलती है। पापा के कार्यालय में आकर विश्वास हो गया कि पिता का मार्गदर्शन मुझे सफलता दिला सकता है।-प्रिशा अग्रवाल --ऑफिस: श्रीविशुद्धानंद सरस्वती मारवाड़ी अस्पतालबिटिया का नाम: यांशी शर्मा पिता का नाम: सुधीर शर्मा मेरे पिता ने लगन से चुनौतियों का सामना करने की सीख दी। कार्यालय में आकर जाना कि किस तरह की चुनौतियां का सामना वे आत्मविश्वास से करते हैं। प्रेरणा मिली।-यांशी शर्मा --ऑफिस: बड़ाबाजार, किचन युटेंसिल्स बिटिया का नाम: महक बागड़ी पिता का नाम: जगदीश प्रसाद बागड़ी पिता के ऑफिस जा कर उनके द्वारा किए जा रहे काम को बारीकी से जाना। यहां आने पर लगा कि यह मेरे बस की बात नहीं लेकिन पापा ने हिम्मत बधाई और मैंने काफी समय यहाँ बिताया।-महक बागड़ी -- ऑफिस: ट्रेवल एजेंसी हिन्दमोटर बिटिया का नाम: निकिता कोठारीपिता का नाम: मनमोहन कोठारी ट्रेवल एजेंसी व्यवसाय में होने वाले कार्य को समझने का प्रयास किया। यह काम आसान नहीं है। क्लाइंट की मांग के मुताबिक कम कीमत में बेहतर विकल्प निकालना इस व्यवसाय की प्रमुखता है।-निकिता कोठारी--ऑफिस: बड़ाबाजार बिटिया का नाम: अंकिता भूतड़ा पिता का नाम: विजय शंकर भूतड़ा पिता के साथ बैठकर सीए की कार्यप्रणाली को समझना एक सुखद अनुभूति वाला पल रहा। पिता द्वारा किये जा रहे कार्यों में दिलचस्पी दिखाई और कम्प्यूटर में प्रतिष्ठान का लेखा जोखा देख कर खुद को गौरवान्वित महसूस किया।--ऑफिस: बैरकपुर बिटिया का नाम: लिपिका खंडेलवालपिता का नाम: अनूप खंडेलवाल पिता के आफिस में पैकेजिंग का कार्य देखा। बंगाल, राजस्थान सहित नेपाल आदि जगहों पर मेरे पिताजी यह व्यवसाय कैसे कर रहे है इसे समझ कर रोचक लगा।--ऑफिस: आरआर अग्रवाल ज्वैलर्स कोलकाताबिटिया का नाम: ऋषिका अग्रवाल पिता का नाम: रेवती रमन अग्रवाल पापा के ऑफिस में बैठने का अवसर मिला एवं आगे बढऩे का हुनर पापा से सीखा। पापा से ज्वैलर्स व्यवसाय की काफी जानकारी प्राप्त करके कॉन्फिडेंस लेवल मजबूत हुआ।-ऋषिका अग्रवाल --ऑफिस: एमिटी यूनिवर्सिटी कोलकाताबिटिया का नाम: साक्षी पुरोहितपिता का नाम: स्वयंप्रकाश पुरोहित पिता से सीखा कि कभी भी कोई काम अधूरा नहीं छोडऩा चाहिए। पापा के कार्यालय में आकर विश्वास हो गया कि पिता का मार्गदर्शन मुझे सफलता दिला सकता है।---साक्षी पुरोहित--ऑफिस: ममता कलेक्शन, (हावड़ा) बिटिया का नाम: विधिश्री भुवालका माता का नाम: ममता भुवालका मेरी मां मेरी प्रेरणा है। उन्होंने अपने दम पर ममता कलेक्शन का जो कारोबार शुरू किया उस कारोबार को एक नया आयाम देना चाहती हूं। उसको और आगे बढ़ाना चाहती हूँ। -विधिश्री भुवालका--ऑफिस: न्यूटाउनबिटिया का नाम: सम्प्रीति पुरोहितपिता का नाम: अशोक पुरोहित मेरे पिता ने मुझे मुश्किल कार्यों से दूर नहीं भागने बल्कि जूझना सिखाया है। कठिन कार्य करने से ही प्रतिभा में निखार आता है। कार्यस्थल पर आकर मुझे विश्वास हो गया कि पिता के मार्गदर्शन से कामयाबी हासिल करूंगी। - सम्प्रीति पुरोहित--ऑफिस: मध्य कोलकाताबिटिया का नाम: अंशु शर्मापिता का नाम: अमित शर्मा कार्यस्थल पर आकर महसूस किया कि मेरे पिता का काम के प्रति समर्पण है। उन्होंने समाज में बदलाव को लेकर मुझे अहम जानकारी दी। नए नए आइडिया से अवगत कराया। हमेशा से वे मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। - अंशु शर्मा--ऑफिस: बड़ाबाजारबिटिया का नाम: आस्था करनानीपिता का नाम: राजेश करनानी मेरे पिता मेडिकल लाइन से जुड़े हैं। इसलिए उनके कार्यस्थल पर आकर मुझे स्वास्थ्य को लेकर और कुछ जानने का मौका मिला। पिता ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए खान-पान पर नियंत्रण और संयमित जीवनशैली बहुत जरूरी है।- आस्था करनानी