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अब महानगर के फुटपाथों पर एलपीजी चूल्हे जल्द

locationकोलकाताPublished: Jan 23, 2019 06:26:05 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

महानगर कोलकाता में दिन-ब-दिन प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जल्द ही शहर के फुटपाथों पर मौजूद चाय, चॉउमिन व ऐसे ही छोटी-छोटी दुकानों में इस्तेमाल होने वालों चूल्हों व स्टोव की बजाय एलपीजी गैस की व्यवस्था की जाएगी।

Kolkata, Kolkata, West Bengal, India

अब महानगर के फुटपाथों पर एलपीजी चूल्हे जल्द

– नीरी की रिपोर्ट के बाद पीसीबी ने लिया फैसला

कोलकाता. महानगर कोलकाता में दिन-ब-दिन प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। जल्द ही शहर के फुटपाथों पर मौजूद चाय, चॉउमिन व ऐसे ही छोटी-छोटी दुकानों में इस्तेमाल होने वालों चूल्हों व स्टोव की बजाय एलपीजी गैस की व्यवस्था की जाएगी। जल्द ही सरकार की ओर से एक अभियान चलाकर ऐसे कारोबारियों की सूची तैयार की जाएगी और उन्हें एलपीजी गैस इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जाएगा। यही नहीं फुटपाथों पर वैध रूप से ऐसी दुकान चला रहे कारोबारियों को सरकार की ओर से बिजली की व्यवस्था दी जाएगी और उन्हें हिटर का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया जाएगा। यही नहीं सरकार ऐसी दुकान व स्टॉल चलाने वाले अस्थाई कारोबारियों को सौर ऊर्जा से जलने वाले चूल्हों को देने के बारे में भी विचार कर रही है।

– यह हुआ है खुलासा

राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) से मिली जानकारी के अनुसार फुटपाथों पर कोयले और लकड़ी के जलने वालों चूल्हों से रोजाना 30 प्रतिशत प्रदूषण फैलता है। रोजाना शहर के 30 प्रतिशत प्रदूषण के जिम्मेदार ये चूल्हे होते हैं। इसमें शहर का श्यामबाजार इलाका सर्वाधिक प्रभावित हो रहा है। इसकी जानकारी बोर्ड के चेयरमेन कल्याण रूद्र ने दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में शहर में नीरी (राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान) की ओर से एक शोध किया गया था। उस शोध के बाद उन्होंने इसकी जानकारी दी। फरवरी के अंत अथवा मार्च के शुरूआत में ही नीरी के शोध की पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। रिपोर्ट मिलते ही इस बारे में केएमसी और केपी से मदद लेते हुए योजना को पूरा किया जाएगा। इस विषय पर निगम में पर्यावरण संरक्षण विभाग को संभाल रहे एमआईसी देवाशीष कुमार ने कहा कि अब तक हमें इसकी जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अगर ऐसी योजना बन रही है तो निगम इसका स्वागत करता है।

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