माहेश्वरी समाज की वंशोत्पत्ति दिन का उत्सव है महेश नवमी
कोलकाताPublished: Jun 10, 2019 10:27:59 pm
माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति शिव के वरदान स्वरूप
माहेश्वरी समाज की वंशोत्पत्ति दिन का उत्सव है महेश नवमी
कोलकाता. महेश नवमी माहेश्वरी समाज का प्रमुख त्योहार है, जिसे धूमधाम से मनाया जाता है। परंपरागत मान्यता के अनुसार माहेश्वरी समाज की वंशोत्पत्ति युधिष्ठिर संवत 9 के ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को हुई थी। उसी समय से माहेश्वरी समाज प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को महेश नवमी के नाम से माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन को धूमधाम से मनाता है। यह पर्व मुख्य रूप से महेश (महादेव) और पार्वती की आराधना को समर्पित है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान शिव के वरदान स्वरूप इस दिन हुई थी। इस दिन भगवान शंकर और पार्वती की विशेष आराधना की जाती है। माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति भगवान शिव के वरदान स्वरूप मानी गई है। ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को महेश नवमी या महेश जयंती का उत्सव माहेश्वरी समाज की ओर से मनाया जाता है। यह उत्सव महेश यानि शिव और माता पार्वती की आराधना को समर्पित है।ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष के नवें दिन भगवान शंकर की कृपा से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। धर्मग्रंथों के अनुसार माहेश्वरी समाज के पूर्वज पूर्वकाल में क्षत्रिय वंश के थे। शिकार के दौरान वे ऋषियों के शाप से ग्रसित हुए, पर इस दिन भगवान शंकर ने अपनी कृपा से उन्हें शाप से मुक्त कर न केवल पूर्वजों की रक्षा की, बल्कि इस समाज को अपना नाम भी दिया। इसलिए यह समुदाय माहेश्वरी नाम से प्रसिद्ध हुआ। महेश यानि शंकर और वारि यानि समुदाय या वंश। भगवान शंकर की आज्ञा से ही इस समाज के पूर्वजों ने क्षत्रिय कर्म छोडक़र वैश्य या व्यापारिक कार्य को अपनाया। इसलिए आज भी माहेश्वरी समाज वैश्य या व्यापारिक समुदाय के रूप में पहचाना जाता है। माहेश्वरी समाज के 72 उपनामों या गोत्र का संबंध भी इसी प्रसंग से है।
—105वां महेश नवमी महोत्सव आज
इस बीच कोलकाता, हावड़ा सहित प्रदेश के अन्य स्थानों में माहेश्वरी समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से १०५वां महेश नवमी महोत्सव मंगलवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। माहेश्वरी सभा के शोभाराम बैशाख स्ट्रीट स्थित माहेश्वरी भवन प्रांगण में मंगलवार सुबह ८.३० बजे रूद्राभिषेक होगा। अभिनंदन समारोह शाम ६.३०, सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम ७.३० पर होगा जिसमें संगीतमय नृत्य नाटिका माहेश्वरी वंशोत्पति और सह-भोज 8 बजे होगा। उधर माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी महिला संगठन, माहेश्वरी युवा मंच हावड़ा की ओर से भी मंगलवार को महेश नवमी महोत्सव मनाया जाएगा। माहेश्वरी सेवा ट्रस्ट कार्यालय, फजीर बाजार, जीटी रोड हावड़ा में सुबह ९ बजे महेश पूजा होगी। शीतल जल-शरबत वितरण सुबह ११ बजे हावड़ा स्टेैशन, के समीप, हावड़ा जनरल हॉस्पिटल में 3 बजे मरीजों को फल वितरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम 5 बजे और महाप्रसाद रात 8 बजे वितरित किया जाएगा।