बाट जोह रहे लोग ब्रिज निमार्ण के बाद लोड टेस्टिंग होगी उसके बाद ही ब्रिज चालू की अनुमति मिल जाएगी। पाइलिंग से लेकर केबल बैठाने तक का काम लगभग समाप्त हो गया है। फिलहाल टू सील का काम चल रहा है जो एक तरह की परत बैठाने का काम होता है। उसके बाद बिटुमीन का काम होगा और अंतिम काम के तहत लोड टेस्टिंग होगी। हालांकि यह सबकुछ एक्सपर्ट के निरीक्षण और उनकी रिपोर्ट पर निर्भर होगा। मालूम हो कि दक्षिण कोलकाता का यह ब्रिज रेलवे ट्रैक के ऊपर है। ब्रिज की डिजाइन से लेकर अन्य सेफ्टी के कई पायदानों को पूरा करने के लिए रेल से अनुमति की आवश्यता होती है। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर रेल और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों व इंजीनियरों की बैठक भी हो चुकी है। करीब 650 मीटर का यह ब्रिज फोर लेन का होगा। ट्रैक पर बनने वाला यह ब्रिज केबल स्टे होगा, करीब 84 केबल होंगे। काफी अत्याधुनिक मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। नये ब्रिज की उम्र 100 साल रखी गयी है। लोड बियरिंग की क्षमता पुराने ब्रिज के दुगुनी होगी। परियोजना लागत 250 करोड़ रुपए है।