मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक शीर्ष अधिकारियों की बैठक में उत्तर दिनाजपुर में कृषक भवन निर्माण के प्रसंग में कहा कि 1.5 करोड़ में अच्छा भवन तैयार हो सकता है। पहले सरकारी खजाने से ५ लाख रुपए देने पर लोग खुश हो जाते थे। अब 2 करोड़ से नीचे कोई बात नहीं होती। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिले में अल्पसंख्यक भवन तैयार की है। इसकी अधिकतम लागत 1.5 करोड़ थी। इतनी रकम में तीन मंजिला भवन तैयार करना संभव हुआ। ममता ने कहा कि कुछ दिन पहले उत्तर दिनाजपुर में कृषक भवन तैयार करने के लिए 19 करोड़ का प्रोजेक्ट भेजा गया। इससे स्पष्ट है कि मनमानी कहां पहुंच गई है।
भारी पड़ता आर्थिक बोझ-
मुख्यमंत्री ने सरकार पर कर्ज का भारी बोझ के प्रसंग में कहा कि 7 साल के कार्यकाल में उनकी सरकार कर्ज के रूप में 2 लाख 24,000 करोड़ रुपए चुकाई है। 2018 में उन्हें और 46,000 करोड़ चुकाना है। इसके अलावा कर्मचारियों के बकाया डीए भुगतान के लिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपए का प्रबंध करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारी आर्थिक बोझ के बावजूद सरकार आमलोगों को दी जाने वाली परिसेवा पर अंकुश लगाने को नहीं कही है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि विकास पर हो रहे खर्चों में कोई कटौती नहीं होनी चाहिए।
बाढ़ से निपटने की तैयारियों की चर्चा-
सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल के जिलों में बाढ़ की स्थिति से निपटने को लेकर प्रशासनिक तैयारियों पर चर्चा की। उन्होंने सिंचाई विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग को कमर कस तैयार रहने को कहा है। बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं का आगाज किया। इनमें ओदलाबाड़ी में प्रोन्नत किए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड की सुविधा, रांगामाटी में नवनिर्मित उप-स्वास्थ्य केंद्र, माल सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ब्लड बैंक शामिल है। उत्तरकन्या में प्रशासनिक बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री का काफिला जलपाईगुड़ी के लिए रवाना हो गया। मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव मलय दे, गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य, पुलिस महानिदेशक वीरेन्द्र समेत कई विभागों के प्रधान सचिव उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं।
योल्मो उपजाति बोर्ड बनाने की मांग-
उत्तर बंगाल की योल्मो उपजाति के लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात कर योल्मो विकास बोर्ड का गठन करने का अनुरोध किया है। योल्मो उपजाति के लोगों ने बागडोगरा हवाई अड्डे के बाहर मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया।