विभागीय अधिकारी ने बताया कि जल धरो जल भरो योजना के तहत बने जलाशयों का उपयोग मछली पालन और सिंचाई के लिए किया जाता है। 2,305 लघु सिंचाई परियोजनाओं की सहायता से, अब तक 74,606 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के तहत लाया गया है। योजना के परिणामस्वरूप बीरभूम, बांकुड़ा, पुरुलिया, झाडग़्राम और पश्चिम मिदनापुर जिलों के विशाल क्षेत्रों को सिंचाई के जल मिलना सुनिश्चित किया गया है। लघु सिंचाई परियोजनाओं की मदद से 25,319 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के तहत लाया गया है। इन जिलों में जल का सदुपयोग ने धान की खेती में वृद्धि और कई फलों के बाग लगाने में सहायक साबित हुआ है।