कोलकाता

भाजपा ने ममता बनर्जी और आईपीएस ज्ञानवंत सिंह को कठघरे में खड़ा किया

– ममता पर आचार संहिता के उल्लंघन एवं ज्ञानवंत पर सोना मामले में हस्तक्षेप का आरोप- मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोप के सबूत के तौर पर निर्वाचन आयोग को दिया ऑडियो क्लिप

कोलकाताMar 26, 2019 / 03:38 pm

Ashutosh Kumar Singh

भाजपा ने ममता बनर्जी और आईपीएस ज्ञानवंत सिंह को कठघरे में खड़ा किया

कोलकाता
भाजपा ने सोमवार को प्रदेश की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी और विधाननगर के कमिश्रर ज्ञानवंत सिंह को कठघरे में खड़ा किया। दोनों के खिलाफ आयोग में शिकायत कर भाजपा नेताओं ने कार्रवाई की मांग की। भाजपा की ओर से ममता बनर्जी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन एवं ज्ञानवंत सिंह पर हवाई अड्डे से तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी से कथित तौर पर सोना बरामदगी मामले में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। पर लगाए गए आरोप के सबूत के तौर पर निर्वाचन आयोग को ऑडियो क्लिप भी सौंपा है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी(सीईओ) से मुलकात करने के बाद भाजपा नेता मुकुल राय ने कहा कि ममता बनर्जी आचार संहिता का उल्लंघन कर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रही हैं। टेलीफोन पर ठेका पर काम करने वालों का भत्ता बढ़ाने तथा अधिक से अधिक दिन काम देने का प्रलोभन दे रही है। उनके पास सबूत के दौर पर ऑडियों क्लिप है। मुकुल ने राय पत्रकारों को भी उक्त ऑडियो क्लिप सुनाया। जिसमें एक महिला और दो पुरुष बातचीत करते सुने जा रहे हैं। मुकुल राय का दावा है कि ऑडियो क्लीप में सुनी जा रही महिला की आवाज सीएम ममता बनर्जी की और पुरुष की आवाज राज्य के संयुक्त सचिव तथा एक ठेका कर्मी की है। महिला उक्त ठेकाकर्मी को कह रही है कि आपका भत्ता बढ़ा दिया गया है। आप सभी ३३ हजार साथियों को बता दें। आचार संहिता लागू है, इसलिए यह कहिएगा कि यह सूचना बहुत पहले ही दी गई थी।
सोना मामले में मुकुल ने आरोप लगाया कि 16 मार्च को अभिषेक की पत्नी के पास से एयरपोर्ट पर सोना पकड़ा गया था। कस्टम्स कार्रवाई करने जा रही थी तभी विधाननगर की पुलिस एयरपोर्ट पहुंची और कस्टम्स की कार्रवाई में हस्तक्षेप कर अभिषेक की पत्नी और उनके पास से जब्त गैर कानूनी सामग्री छुड़ा ली। ज्ञानवंत सिंह को तत्काल प्रभाव से विधाननगर के कमिश्रर के पद से हटाया जाए। भाजपा ने शिकायत में ज्ञानवंत को धर्मतल्ला में ममता के धरना मंच पर उपस्थित रहने की बात का भी उल्लेख किया गया है। मुकुल राय ने सवाल उठाया है कि ज्ञानवंत के कमिश्रर हैं तो धर्मतल्ला के किसी कार्यक्रम में उनका क्या काम है? ऐसे पुलिस अधिकारी के रहते निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है।
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