ममता ने बंद की लालू की बोलती लालू ने बताया कि मैंने उनसे पूछा कि क्या वह पहली बंगाली प्रधानमंत्री बनेंगी तो उन्होंने कहा कि ‘आप लोग बन जाओ।’ हालांकि लालू ने कहा कि पटना जाने से पहले वह और नीतीश एक मुलाकात बनर्जी से करना चाहेंगे। बाकी नेताओं के साथ भी जल्द ही एक बड़ी बैठक होगी। बीजेपी तो गई समझो। दरअसल पिछले दिनों ममता ने एक टीवी को दिए साक्षात्कार में कहा था कि मेंरे कई ऐसे दोस्त हैं, जिनके साथ मैं बीजेपी विरोधी गठबंधन के बारे में बात कर सकती हूं। इन दोस्तों के नाम पूछे जाने पर ममता ने अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का नाम लिया। हालांकि कांग्रेस को लेकर उनकी प्रतिक्रिया कुछ खास नहीं थी।
इसलिए आ धमके नीतिश-लालू नीतिश ने पिछले दिनों ही दावा किया था कि संघ मुक्त भारत अभियान में ममता बनर्जी उनका साथ देने को तैयार है। नीतिश पहले भी कह चुके हैं कि भाजपा को 2019 के चुनाव में रोकना है तो सभी पार्टियों को मिलकर महागठबंधन बनाना होग। शायद यही वजह रही कि दोनों नेता शपथग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे, लेकिन ममता के जवाब से दोनों के हाथ निराशा ही लगी है।
ममता बनी कद्दावर नेता ममता बनर्जी ने इस बार बड़े स्तर पर जीत हासिल कर अपना कद बढ़ा लिया है। 2011 के चुनाव की तुलना में यह उनकी बड़ी जीत रही। यही वजह रही कि 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा खिलाफ एकजुट हो रही कई क्षेत्रीय पार्टियों के राजनीतिक फ्रंट में उन्हें एक अहम नेता के रूप में देखा जा रहा है। ममता के शपथ ग्रहण समारोह से भी उनकी पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस समारोह में आगे की सीट पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बैठे थे।
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