कोलकाता

Big politics in bengal: ममता का बड़ा मास्टर स्ट्रोक तो शाह का बंगाल मिशन

Loksabha election से भी रोचक मुकाबला State assembly elections में देखने को मिलेगा। एक तरफ TMC के साथ चुनाव रणनीतिकार Prashant Kishor हैं तो दूसरी तरफ BJP के साथ खुद Chanakya Amit Shah हैं।

कोलकाताJun 29, 2019 / 05:25 pm

Rabindra Rai

Big politics in bengal: ममता का बड़ा मास्टर स्ट्रोक तो शाह का बंगाल मिशन

कोलकाता. जिस प्रकार लोकसभा चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में बेहद दिलचस्प मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में हुआ था, उससे भी रोचक मुकाबला राज्य विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस के साथ चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) हैं तो दूसरी तरफ भाजपा के साथ खुद चाणक्य अमित शाह हैं। जाहिर है कि ऐसे में महाटकराव से इनकार नहीं किया जा सकता है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और राज्य में सत्ता का विकल्प बनकर उभरी भाजपा दोनों खेमे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव में नाव डगमगाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने तो पीके के सुझाव पर कटमनी को लेकर बड़ा मास्टर स्ट्रोक भी खेल दिया है। राज्य में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीन बार पीके के साथ बैठक कर फार्मूला बनाया है। पहली बार पार्टी की बैठक में भी पीके को शामिल किया गया। पीके के निर्देश पर बड़े फैसलों में राज्य भर के तृणमूल नेताओं को जनता से लिए रिश्वत को लौटाने का निर्देश भी शामिल हैं। दूसरी ओर शाह अब बंगाल मिशन में जुटेंगे तथा राज्य की सत्ता से दीदी को उखाड़ फेंकने के लिए नए प्रयोग करने से गुरेज नहीं करेंगे।

ये होंगे बैठक में शामिल
दूसरी तरफ अमित शाह ने बंगाल के उन सभी बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। प्रदेश भाजपा की ओर से बताया गया है कि 30 जून को अमित शाह ने राज्य के सभी शीर्ष नेताओं की बैठक दिल्ली में बुलाई है। इसमें सभी जीते हुए 18 सांसद, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल रॉय और संगठन के महामंत्री रामलाल को बुलाया गया है।

यह बनेगी रणनीति
बताया गया है कि राज्य भर में पार्टी की स्थिति और अधिक मजबूत करने के साथ-साथ विधानसभा चुनाव में ममता को सत्ता से बेदखल करने के लिए यहां रणनीति बनाई जाएगी। राज्य भर के सभी बूथों पर पार्टी को सत्तारूढ़ तृणमूल की तुलना में अधिक मजबूत बनाने के साथ-साथ राज्य भर में भाजपा नेताओं के बीच गुटबाजी और जमीनी तौर पर पार्टी की पकड़ और अधिक मजबूत करने पर चर्चा होगी। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए हैं जो लोगों के लिए अनुकूल हो गए हैं। इसका काट भी पार्टी के शीर्ष नेता इस बैठक में ढूंढेंगे।

बनाएंगे ठोस रणनीति
कोलकाता नगर निगम समेत अन्य नगर निगम का चुनाव होना है। इसे लेकर भी अमित शाह ठोस रणनीति बनाएंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर तृणमूल के शीर्ष नेता भाजपा में शामिल होने लगे हैं। निचले दर्जे के कार्यकर्ता भी ममता बनर्जी की पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। अब तक तृणमूल के ६ विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं। लोगों के दिलों- दिमाग में यह बात घर कर गई है कि ममता बनर्जी के पास बंगाल के विकास की कोई नीति नहीं है और अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो केंद्र के समर्थन से राज्य में विकास की रफ्तार तेज होगी। इस तरह से जुड़े मसलों को पार्टी और तरजीह देगी।

तैयार करेंगे पूरी रूपरेखा
गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बंगाल में विधानसभा फतह की पूरी रूपरेखा तैयार करेंगे और उसे जमीनी तौर पर अमलीजामा पहनाने का निर्देश भी पार्टी नेतृत्व को देंगे। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में सीटों का लक्ष्य भी अमित शाह दे सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राज्य की 294 में से कम से कम 250 सीटों पर जीत दर्ज करने के लक्ष्य से भाजपा काम करेगी। अमित शाह इसकी रणनीति तय करेंगे। इसके अलावा 2020 में कोलकाता नगर निगम चुनाव को लेकर भी गंभीरता से चर्चा होगी।

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