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Political war in Mamta Modi govt.: ममता बोली मोदी सरकार को ‘निरंकुश मानसिकता वाली फासीवादी सरकार’

locationकोलकाताPublished: Sep 21, 2020 05:35:27 pm

Submitted by:

Manoj Singh

कहा, केन्द्र के दबंगई से नहीं दबेंगी, किसानोें के हक के लिए लड़ेंगी संसद से सड़क तक

Political war in Mamta  Modi govt.:  ममता बोली मोदी सरकार को ‘निरंकुश मानसिकता वाली फासीवादी सरकार’

Political war in Mamta Modi govt.: ममता बोली मोदी सरकार को ‘निरंकुश मानसिकता वाली फासीवादी सरकार’

अधीर चौधरी ने भी की आठ राज्यसभा सांसदों के निलंबन की कड़ी निंदा

कोलकाता
संसद में कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान उपसभापति से दुर्व्यवहार करने के आरोप में आठ सांसदों के निलंबन पर कड़ा विरोध जताया हुए का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र की हत्या और केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार को ‘निरंकुश मानसिकता वाली फासीवादी सरकार’ करार दिया।
उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए लड़ने वाले आठ राज्यसभा सांसदों का निलंबन दुर्भाग्यपूर्ण है और इस निरंकुश सरकार की मानसिकता को दर्शाता है, जो लोकतांत्रिक मानदंडों और सिद्धांतों का सम्मान नहीं करता है।
ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां कर केन्द्र सरकार सोच रही है है कि वह अपनी दबंगई से विपक्ष को दबा लेगी। लेकिन वह अपने इस उद्देश्य में कामयाब नहीं हो पाएगी। वे इस फासिस्ट सरकार के सामने नहीं झुकेंगी और किसानोें के हक के लिए संसद से लेकर सड़क तक इस सरकार के खिलाफ लड़ाई करेंगी।
तृणमूल सांसद और मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने राज्यसभा सांसदों के निलंबन का कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्यसभा में जो हुआ वह संसदीय कार्यवाही की पूरी तरह से अवमानना है। नरेन्द्र मोदी की सरकार की ओर लाए गए किसान हितैषी आध्यादेश सिर्फ मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण ही नहीं है, बल्कि अब केन्द्र इस पर उनके वोट देने का अधिकार भी ठीन रही है। सभी कह सकते हैं कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या की है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी राज्यसभा के सांसदों के निष्कासन की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बर और अलोकतांत्रिक तरीके से राज्यसभा के सदस्यों के निलंबन की वे कड़ी निंदा करते हैं। कांग्रेस राज्यसभा में अपने सदस्यों की यथास्थिति बहाल करने के लिए का विरोध करेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में कृषि विधेयक पेश किए जाने पर विपक्ष ने मतविभाजन की मांग की। लेकिन सरकार ने यह मांग स्वीकार नहीं की। इस पर कई सांसदों ने उपसभापति हरिवंश के आसन के पास जाकर माइक तोड़ दिया था और बिल का प्रारूप फाड़ दिया। सभापति वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन व डोला सेन, आप के संजय सिंह, कांग्रेस के राजीव साटव, सैयद नासिर हुसैन व रिपुन बोरा और सीपीआई (एम) के केके रागेश व एलमाराम करीम को एक सप्ताह के लिए सत्र से निलंबित कर दिया है।

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