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मॉक ड्रिल को तलाशी अभियान बताकर भड़कीं ममता

locationकोलकाताPublished: Dec 02, 2016 12:20:00 am

नोटबंदी के खिलाफ केन्द्र सरकार पर लगातार हमले कर रहीं पश्चिम
बंगाल की मुख्यमंत्री इस बार सेना के जवानों की ओर से राष्ट्रीय
राजमार्गों पर चलाई गई मॉकड्रिल को तलाशी अभियानबताकर भड़क गईं

kolkata news

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कोलकाता. नोटबंदी के खिलाफ केन्द्र सरकार पर लगातार हमले कर रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इस बार सेना के जवानों की ओर से राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलाई गई मॉकड्रिल को तलाशी अभियानबताकर भड़क गईं। राज्य सचिवालय नवान्न में गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार को सूचना दिए बगैर सेना रास्तों पर तलाशी अभियान चला रही है। यह आपातकाल से भी भयंकर राजनीतिक आपातकाल है। वे इस बारे में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को जानकारी देंगी और सभी राज्य सरकारों से बात करेंगी।

वहीं सेना ने जवानों की राजमार्गों पर मौजूदगी को वार्षिक अभ्यास से जुड़ा हुआ बताया है। नवान्न में संवाददाताओं से बातचीत में ममता बनर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग केन्द्र के दायरे में आता है। कानून-व्यवस्था राज्य के अधिकार क्षेत्र में आती है। फिर ऐसी कौन सी घटना हुई कि राज्य को सूचना दिए बगैर सेना ने टोल प्लाजा से आने-जाने वाले वाहनों की तलाशी शुरू कर दी। उन्होंने ऐसा कभी होते नहीं देखा है। केन्द्र सरकार संविधान और संघीय व्यवस्था को दरकिनार कर आपातकाल लागू कर रही है। पहले उसने आर्थिक आपाताकाल शुरू किया और अब राजनीतिक आपातकाल शुरू कर रही है।



उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति की अनुमति से सेना तैनात की जाती है। बड़े सांप्रदायिक संघर्ष, प्राकृतिक आपदा के समय राज्य सरकार की अनुमति के बाद सेना तैनात की जाती है। देश की रक्षा करने वाले सैनिकों का केन्द्र राजनीतिक हित साधने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अभी बंगाल के कामकाज में दखल दे रही है। इसके बाद वह बिहार, उत्तर प्रदेश व दूसरे राज्यों में ऐसा कर सकती है। वे इस बारे में राष्ट्रपति को सूचित करेंगी। दूसरे राज्यों से भी बात करेंगी।

यह भी कहा कि नहीं जानती हैं क्या हुआ
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि असल में क्या हुआ है वे खुद नहीं जानती हैं। इस बारे में अभी तर्क वितर्क ठीक नहीं है।
 
उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव वासुदेव बनर्जी को निर्देश दिया है कि वे केन्द्र सरकार से पत्र व्यवहार कर मामले की जानकारी जुटाए।


सेना के जवान टोल प्लाजा से आने जाने वाले वाहनों की जांच-पड़ताल कर रहे हैं। इस बारे वे दिल्ली स्थित राष्ट्रीय राज्य मार्ग प्राधिकरण के कार्यालय को सूचना दे दी गई है। इसके लिए उन्हें किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। एचके हंडिक, प्रोजेक्ट मनेजर, राष्ट्रीय राजमार्ग, दुर्गापुर



सेना के नहीं हटने तक नवान्न में रहूंगी
ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार से राज्य सचिवालय नवान्न के निकट दूसरे हुगली ब्रिज स्थित टोल प्लाजा से सेना के जवानों को शीघ्र हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि गाडिय़ों की तलाशी ले रहे सेना के जवानों को उक्त टोल प्लाजा से हटाया जाए। जब तक टोल प्लाजा से सेना के जवानों को नहीं हटाया जाता तब तक वे टोल प्लाजा से नहीं गुजरेंगी और नवान्न में ही बैठी रहेंगी।

जरूरत हुई तो वे सारी रात नवान्न में ही बैठी रहेंगी। खबर लिखे जाने तक ममता बनर्जी नवान्न में अपने कार्यालय में ही जमी हुई हैं। इधर, इस मामले में कोलकाता पुलिस के आयुक्त और पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है।

वार्षिक आम अभ्यास है
यह वाषिक आम अभ्यास है। राज्य के विभिन्न टोल प्लाजा पर सेना यह सर्वे कर रही है कि जरूरत पडऩे पर वह कितने वाहनों को हायर कर सकती है। इसके लिए सेना को किसी की भी अनुमति नहीं लेनी पड़ती है। देश के लिए सेना जहां कहीं भी इस तरह का अभ्यास कर सकती है।
एसएस बिरदी विंग कमांडर, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, सेना पूर्वी कमान

क्यों भड़कीं ममता
मिली जानकारी के मुताबिक सेना के जवान बुधवार की रात से राष्ट्रीय राजमार्गों पर डानकुनी, नवान्न के निकट दूसरे हुगली ब्रिज और पलासी टोल प्लाजा पर वाहनों को रोककर जानकारी जुटा रहे थे। शुक्रवार की दोपहर के बाद तक चलेे अभियान के दौरान सेना के जवानों ने वाहनों की तलाशी ली, पूछताछ की, उनके नंबर नोट करने के बाद उन पर पीएमएस का स्टीगर लगाया।
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