ममता ने मोदी को लिखा खत, यह बोली बड़ी बात
कोलकाताPublished: Jun 07, 2019 04:49:11 pm
नीति आयोग को निष्फल और वित्तीय शक्ति विहीन बताया
ममता ने मोदी को लिखा खत, यह बोली बड़ी बात
कोलकाता. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में ३६ का आंकड़ा अब किसी से छिपा हुआ नहीं है। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेताओं में जुबानी जंग हद से भी गुजर गई है। मोदी को थप्पड़ मारने और पत्थर युक्त मिठाई खिलाकर दांत तोडऩे तक बात पहुंच गई थी। चुनाव नतीजे के बाद भी दोनों के बीच तल्खी में कमी नहीं आई है। मोदी पर हमला करने या उनसे दूरी बनाने में ममता अब भी बाज नहीं आ रही हैं। उन्होंने शुक्रवार को मोदी को खत लिखकर 15 जून को नीति आयोग की प्रस्तावित बैठक में शामिल होने में अपनी असमर्थता जताई। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक संस्था के तौर पर यह ”निष्फलÓÓ है क्योंकि राज्य की योजनाओं में मदद के लिए इसके पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं। पीएम को लिखे खत में ममता ने कहा है कि यह तथ्य है कि नीति आयोग के पास न तो कोई वित्तीय शक्तियां हैं और न ही राज्य की योजनाओं में मदद के लिये उसके पास शक्ति है। ऐसे में किसी भी प्रकार की वित्तीय शक्तियों से वंचित संस्था की बैठक में शामिल होना मेरे लिये निरर्थक है। इससे पहले भी ममता कई बार नीति निर्माता थिंक-टैंक की बैठकों में शामिल नहीं हुई थीं और योजना आयोग को भंग कर नये ढांचे के निर्माण को लेकर अपनी नाखुशी जाहिर कर चुकी हैं। मोदी 15 जून को नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे और देश के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि ममता ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान लगातार केन्द्र सरकार की आलोचना की थी। इसके बावजूद 42 लोकसभा सीटों में बीजेपी को 18 सीटें मिली है, जबकि ममता को १२ सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है।
उसके बाद से टीएमसी के कई नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामा है। हाल ही में बीजेपी नेता मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु राय भी भाजपा में शामिल हो गए। उसके बाद से टीएमसी के कई नेता बीजेपी के पाले में आए हैं। जिसे पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।