इस दौरान अमित शाह और ममता बनर्जी के बीच एकांत बैठक की भी संभावना है। ममता बनर्जी और शाह के बीच बैठक एनआरसी और सीएए के खिलाफ पूर्व के विरोध की पृष्ठभूमि में महत्व रखती है। ममता बनर्जी की ईजीसी बैठक में शामिल होने के फैसले को लेकर तरह-तरह के क्यास लगाए जा रहे हैं, क्योंकि ममता बनर्जी ने पहले के अवसरों पर केंद्र की बैठकों में भाग लेने से अपने को दूर रखा था। पार्टी सूत्रों के अनुसार ममता बनर्जी एक संकेत देना चाहती हैं कि वे विकास के मुद्दों पर केंद्र के साथ सहयोग करना चाहती हैं। मई 2019 में वे चक्रवात फानी की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुई थीं।