वर्ष 2011 में तृणमूल कांग्रेस के राज्य की सत्ता में आने के बाद भी पंचायत चुनाव में निर्विरोध पंचायत सीटें जीतने की परम्परा जारी रही। वामपंथियों की जगह तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीतते रहे। सत्ताधारी पार्टी का निर्विरोध पंचायत सीट जीतने वाले आंकड़ा एक से 11 प्रतिशत के बीच ही था।
लेकिन वर्ष 2018 के पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में पंचायत की कुल 58 हजार 652 सीट में से 20 हजार सीटें बिना चुनाव के ही जीती हैं। नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन 28 अप्रेल तक के आंकड़े बताते हैं कि इन20 हजार पंचायत सीटों पर किसी भी विपक्षी दलों के उम्मीदवारों का नामांकन नहीं है।
वर्ष 2008 के चुनाव में वामपंथी 5.57 प्रतिशत पंचायत सीटों पर निर्विरोध जीते थे, जबकि वर्ष 2013 के पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस मतदान से पहले ही10.66 प्रतिशत सीट जीत चुकी थी। लेकिन तृणमल, वामपंथियों के निर्विरोध पंचायत सीट जीतने का ऑल टाइम रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई थी। वामपंथियों ने वर्ष 2003 के चुनाव में 11.0 प्रतिशत पंचायत सीटें निर्विरोध जीती थीं।
* बंगाल पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टियों के निर्विरोध जीत के रिकॉर्ड
वर्ष 1978 में 0.73 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत वर्ष 1983 में 0.74 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत
वर्ष 1988 में 8.9 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत वर्ष 1993 में 2.81 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत वर्ष 1998 में 1.36 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत
वर्ष 2003 में 11 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत वर्ष 2008 में 5.57 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत वर्ष 2013 में 10.66 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत
वर्ष 2018 में 34.2 2 प्रतिशत सीटों पर वाम मोर्चा की निर्विरोध जीत