मोदी से आर-पार की लड़ाई के मूड में ममता
कोलकाताPublished: Jun 08, 2019 06:08:22 pm
केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा जारी रखने का किया ऐलान
मोदी से आर-पार की लड़ाई के मूड में ममता
कोलकाता.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। लोकसभा चुनाव के बाद भी उनके रवैये में जरा सा भी बदलाव नहीं आया है। राज्य में भाजपा के हाथों भारी नुकसान के बाद तो उनके तेवर और तल्ख हो गए हैं। आमने-सामने की लड़ाई में भरोसा रखने वाली ममता ने ऐलान कर दिया है कि केन्द्र सरकार के खिलाफ उनका मोर्चा जारी रहेगा। मोदी के पीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने से इनकार करने के बाद ममता ने नई सरकार के नेतृत्व में नीति आयोग की पहली बैठक में भाग लेने से साफ इनकार कर दिया है। इससे साफ संकेत मिल रहा है कि वह आर्थिक एजेंडा नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक एजेंडे को ही आगे बढ़ाना चाहती है। लड़ाकू प्रवृत्ति की दीदी संगठन के साथ खड़ी होकर पहले कोलकाता निगम चुनाव तथा फिर राज्य विधानसभा चुनाव पर अपना ध्यान केन्द्रित करना चाहती हैं। उन्होंने चुनाव नतीजे के बाद ही ऐलान कर दिया था कि राज्य में विकास कार्य बहुत हो गया अब वह पार्टी के काम में ज्यादा ध्यान देंगी। दीदी ने बाकायदा पीएम मोदी को पत्र लिख कर कहा कि नीति आयोग के पास ना तो कोई वित्तीय अधिकार है और ना ही आयोग के पास राज्य की योजनाओं को समर्थन देने का अधिकार है, ऐसे में इस तरह की बैठक में उनका शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। उनके तेवरों से स्पष्ट है कि वह भाजपा से किसी प्रकार से सुलह नहीं चाहती हैं।
ममता ने अपने पत्र में लिखा कि दुर्भाग्य से बगैर किसी आंकलन और वित्तीय अधिकारों के योजना आयोग की जगह 2015 में नीति आयोग का गठन हुआ। इस नए आयोग में राज्यों की वार्षिक योजनाओं को समर्थन देने संबंधित अधिकारों का अभाव है। नीति आयोग के साथ मेरा पिछले साढ़े चार साल का अनुभव है। यह राज्यों की योजनाओं के लिए निराधार है। हाल में प्रधानमंत्री ने नीति आयोग का पुनर्गठन किया है। जिसमें राजीव कुमार को आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में पुनर्नियुक्त किया है। राजीव कुमार से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक में हिस्सा लेने तथा अपना अमूल्य सुझाव देने की अपील की है।