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West Bengal Politics on OBC: हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों को ओबीसी का लाभ दे रही हैं ममता

locationकोलकाताPublished: Jun 21, 2021 02:04:00 am

Submitted by:

Manoj Singh

भाजपा के सह बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से ओबीसी के तहत आने वाले हिन्दुओं का हक मारकर उनसे भी अधिक मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देने का दावा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इससे संबंधित राज्य सरकार की कथित सूची भी जारी की है।

West Bengal Politics on OBC: हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों को ओबीसी का लाभ  दे रही है ममता

West Bengal Politics on OBC: हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों को ओबीसी का लाभ दे रही है ममता,West Bengal Politics on OBC: हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों को ओबीसी का लाभ दे रही है ममता,West Bengal Politics on OBC: हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों को ओबीसी का लाभ दे रही है ममता

ओबीसी श्रेणी में सूचीबद्ध 170 समूहों में से 112 मुस्लिम समूह
कोलकाता
भाजपा के सह बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से ओबीसी के तहत आने वाले हिन्दुओं का हक मारकर उनसे भी अधिक मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देने का दावा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इससे संबंधित राज्य सरकार की कथित सूची भी जारी की है।
मालवीय ने रविवार को ममता बनर्जी पर हिंदू अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों को आरक्षण और प्रतिनिधित्व में उनके उचित हिस्से से वंचित करने का आरोप लगाया। पश्चिम बंगाल पुलिस में ओबीसी-ए कोटे के तहत उप निरीक्षकों के पद के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची साझा करते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि यह ओबीसी-ए कोटे के तहत पश्चिम बंगाल पुलिस उप निरीक्षक के पद के लिए अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की सूची है! ममता बनर्जी ने न केवल जातियों के समतावादी विश्वास को तोड़ा है, बल्कि ओबीसी को उनके आरक्षण और प्रतिनिधित्व के उचित हिस्से से भी वंचित कर दिया है, जो उनका अधिकार है।
मालवीय ने दावा किया कि ओबीसी-ए (अधिक पिछड़ा) में शामिल 80 समूहों में से 72 मुस्लिम हैं और ओबीसी-बी (पिछड़े) में लगभग 40 समूह मुस्लिम हैं। यानि ओबीसी श्रेणी में सूचीबद्ध 170 समूहों में से 112 मुस्लिम हैं।
ओबीसी में मुस्लिमों का अधिक प्रतिनिधित्व चौकाने वाला
मालवीय ने कहा कि बंगाल में ओबीसी वर्ग में मुसलमानों का ज्यादा प्रतिनिधित्व चौंकाने वाला है। बंगाल के निर्माण के लिए पहली आवश्यक शर्त गैर-मुस्लिम बहुसंख्यक थी। राज्य सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा नहीं है, बल्कि एक विचार है जहां स्वतंत्र सोच वाले बंगाली हिंदू रह सकते हैं और समृद्ध हो सकते हैं। लेकिन तृणमूल इस विचार का उल्लंघन कर रही है, जो जनसांख्यिकीय परिवर्तन को प्रोत्साहित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा विचारक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अंग्रेजों को आश्वस्त किया कि पश्चिम बंगाल काफी हद तक हिंदू बहुसंख्यक था और इसे पंजाब की तरह विभाजित किया जाना चाहिए, जबकि कम्युनिस्ट पंजाब को विभाजित करने और पूरा बंगाल पाकिस्तान को देने के पक्ष में थे।

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