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ममता ने मोदी से लगाई न्याय की गुहार

locationकोलकाताPublished: Apr 27, 2018 10:12:58 pm

Submitted by:

MANOJ KUMAR SINGH

वर्ष 2020 से 2025 के दौरान बंगाल को 22 हजार से लेकर 35 हजार करोड़ के बीच हानि उठानी पड़ेगी।

Kolkata West Bengal
– वित्तीय आयोग की सिफारिशों से हो सकती है बंगाल को 35 हजार करोड़ तक की हानि-ममता
कोलकाता

राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वित्त आयोग की शिकायत की है और बंगाल को 35 हजार करोड़ तक का नुकसान होने की आशंका जताते हुए चिन्ता जाहिर की है। पश्चिम बंगाल से न्याय करने का आग्रह किया है।
नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग के वर्ष 1971 से 2011 तक की जनगणना के आधार पर राज्यों के लिए वित्तीय सिफारिशें किए जाने से कई राज्यों का सुशासन निरुत्साहित होगा। इस कारण वर्ष 2020 से 2025 के दौरान बंगाल को 22 हजार से लेकर 35 हजार करोड़ के बीच हानि उठानी पड़ेगी।
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वित्त आयोग ने लिया इकताफा फैसला
पत्र में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि वित्त आयोग ने जनसंख्या के आधार बदलने का फैसला बिना राज्यों की सहमति से लिया है। राज्यों से बातचीत नहीं की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अपने गठन के तुरंत बाद से ही वित्त आयोग ने वित्तीय सिफारिशों के लिए वर्ष 2011 के जनसंख्या के आंकड़ों का इस्तेमाल कर रहा है। आयोग के इस दिशा में काम करने से वे चिन्तित हैं। एेसा करने से बंगाल भारी रकम से वंचित होगा।
प्रधानमंत्री को भेज गए पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्यों से इसका गहरा संबंध होने के बावजूद 15 वें वित्त आयोग ने इस संबंध में राज्यों से संपर्क नहीं किया और अपने आप फैसला कर लिया। यह देश के संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है।
पहले वाला तरीका अपनाएं

मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से वित्तीय सिफारिशें करने के लिए पुराना तरीके अपनाने का आग्रह किया। पत्र में ममता बनर्जी ने लिखा है कि पिछले सभी वित्त आयोग राज्यों के लिए वित्तीय सिफारिश जारी करते समय राज्यों की ओर से मुहैया कराए गए जनसंख्या के आंकड़ों का इस्तेमाल करते थे। पहले वित्तीय आयोग की सिफारिशों में जनसंख्या को 80 प्रतिशत वैटेज दिया जाता था जो १४वें आयोग तक पहुंचते पहुंचते घटकर 27.5 प्रतिशत हो गया है।

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