———सामाजिक-नैतिक मूल्यों के गिरावट के दौर में मारवाड़ी सम्मेलन महापंचायत गठन का निर्णय
सामाजिक-नैतिक मूल्यों के गिरावट के इस दौर में एक भौतिकवादी एवं भोगवादी अप-संस्कृति का जन्म हो रहा है, जिसने मनुष्य को स्व-केंद्रीय बना दिया है। मारवाड़ी समाज का हर वर्ग-गरीब, मध्यम, यहाँ तक की सम्पन्न वर्ग भी इस गिरावट पर चिंतित है। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा व्यापक विचार-विमर्श के उपरान्त एक मारवाड़ी सम्मेलन महापंचायत के गठन का निर्णय लिया गया। पंचायत के सलाहकार के रूप में समाज के वरिष्ठ सुदर्शन कुमार बिड़ला, बृजमोहन खेतान एवं रघुन्नदन मोदी ने स्वीकृति प्रदान की है। पांच-छह दशकों के अंतराल के बाद सम्मेलन के संविधान के प्रावधानों के अनुरुप गठित इस पंचायत के अध्यक्ष डॉ. हरिप्रसाद कानोडिय़ा होंगे तथा प्रह्लाद राय अगरवाला, सीताराम षर्मा, डॉ. जुगलकिशोर सराफ, महेन्द्र कुमार जालान, बालकिशन डालमिया एवं बालकृष्ण झंवर सम्मानित सदस्य होंगे। इनके अतिरिक्त विशिष्ट आमंत्रित सदस्यों में नंदलाल रुंगटा, रामअवतार पोद्दार, संतोश सराफ एवं सासद विवेक गुप्ता को मनोनीत किया गया है। रघुनंदन मोदी समन्वय हेतु संयोजक का भार सम्भालेंगे। इस महापंचायत के अंर्तगत सम्मेलन की सभी 14 प्रादेशिक शाखाओं में राज्य स्तर पर पंचायतो का गठन किया जायेगा। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा आयोजित परिचर्चा में सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि आज हमारा समाज ‘पंचहीन’ हो गया है। सभी कांच के घर में पत्थरों से डर कर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज में एक समय पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सम्मेलन की समाज सुधार उपसमिति ने डॉ. जुगल किशोर सराफ की अध्यक्षता में वर्तमान में वैवाहिक कार्यक्रमों में मद्यपान एवं विवाहों में बढ़ते दिखावे, आडंबर एवं फिजूलखर्ची पर चिंता व्यक्त करते हुए सम्मेलन द्वारा इन सामाजिक कूरीतियों को दूर करने के लिये समाज सुधार के कार्यक्रम हाथ में लेने का आह्वान किया.
सामाजिक-नैतिक मूल्यों के गिरावट के इस दौर में एक भौतिकवादी एवं भोगवादी अप-संस्कृति का जन्म हो रहा है, जिसने मनुष्य को स्व-केंद्रीय बना दिया है। मारवाड़ी समाज का हर वर्ग-गरीब, मध्यम, यहाँ तक की सम्पन्न वर्ग भी इस गिरावट पर चिंतित है। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा व्यापक विचार-विमर्श के उपरान्त एक मारवाड़ी सम्मेलन महापंचायत के गठन का निर्णय लिया गया। पंचायत के सलाहकार के रूप में समाज के वरिष्ठ सुदर्शन कुमार बिड़ला, बृजमोहन खेतान एवं रघुन्नदन मोदी ने स्वीकृति प्रदान की है। पांच-छह दशकों के अंतराल के बाद सम्मेलन के संविधान के प्रावधानों के अनुरुप गठित इस पंचायत के अध्यक्ष डॉ. हरिप्रसाद कानोडिय़ा होंगे तथा प्रह्लाद राय अगरवाला, सीताराम षर्मा, डॉ. जुगलकिशोर सराफ, महेन्द्र कुमार जालान, बालकिशन डालमिया एवं बालकृष्ण झंवर सम्मानित सदस्य होंगे। इनके अतिरिक्त विशिष्ट आमंत्रित सदस्यों में नंदलाल रुंगटा, रामअवतार पोद्दार, संतोश सराफ एवं सासद विवेक गुप्ता को मनोनीत किया गया है। रघुनंदन मोदी समन्वय हेतु संयोजक का भार सम्भालेंगे। इस महापंचायत के अंर्तगत सम्मेलन की सभी 14 प्रादेशिक शाखाओं में राज्य स्तर पर पंचायतो का गठन किया जायेगा। अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा आयोजित परिचर्चा में सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि आज हमारा समाज ‘पंचहीन’ हो गया है। सभी कांच के घर में पत्थरों से डर कर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मारवाड़ी समाज में एक समय पंचायत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सम्मेलन की समाज सुधार उपसमिति ने डॉ. जुगल किशोर सराफ की अध्यक्षता में वर्तमान में वैवाहिक कार्यक्रमों में मद्यपान एवं विवाहों में बढ़ते दिखावे, आडंबर एवं फिजूलखर्ची पर चिंता व्यक्त करते हुए सम्मेलन द्वारा इन सामाजिक कूरीतियों को दूर करने के लिये समाज सुधार के कार्यक्रम हाथ में लेने का आह्वान किया.