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कोलकाता

हरे-नीले कार्पेट को लेकर मेयर और पार्षद आमने-सामने

– निगम में कार्पेट को लेकर सत्ता व विपक्ष आमने-सामने। माकपा पार्षद ने घाटे के बजट में कार्पेट बदलने पर घेरा। मेयर ने कहा निगम की इमेज के लिए बदला गया कार्पेंट।

कोलकाताApr 11, 2019 / 05:45 pm

Jyoti Dubey

Kolkata, Kolkata, West Bengal, India

हरे-नीले कार्पेट को लेकर मेयर और पार्षद आमने-सामने

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस के हाथों में कोलकाता नगर निगम की बागडोर आते ही मुख्यालय की सीढिय़ों से लेकर विभिन्न हिस्सों में बिछाए गए लाल कार्पट का रंग बदलकर हरा कर दिया था। जिसके बाद सालों उक्त कार्पेट का रंग हरा था। मगर अचानक कुछ दिनों पहले मेयर फिरहाद हकीम के निर्देश पर निगम के मुख्यालय में बिछे हरे कार्पेट को नीले में बदल दिया गया है। बुधवार को कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन में इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस और वाम आमने-सामने हो गए। एक ओर जहां माकपा पार्षद देवाशीष मुखर्जी ने सत्ता पक्ष को इस मुद्दे पर घेरते हुए सवाल किया कि आर्थिक वर्ष में घाटे का बजट पेश करने के बावजूद अचानक इसे बदलने की क्यों जरूरत पड़ गई? जवाब देते हुए मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि निगम मुख्यालय से हरे कार्पेट को हटाकर नीला कार्पेट निगम की छवि को ध्यान में रखते हुए किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही के दिनों में मेयर पद का कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने देखा कि निगम में आय दिन दूसरे राज्यों और देशों को अधिकारी आते रहते हैं। ऐसे में हरा कार्पट काफी पुराना, गंदा और कहीं-कहीं फट भी गया था। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने निगम का मान रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसी दौरान उन्होंने पहले के कई मुदेद उठाते हुए विपक्षी पार्टी पर तंज कसा कि हर बार तृणमूल कांग्रेस के कुछ नया करने पर माकपा सवाल उठाती है पर बाद में उसका इस्तेमाल भी करती हैं। हालांकि माकपा पार्षद ने पुराने कार्पेट के फट जाने की बात को मानने से इन्कार कर दिया।

उल्लेखनीय है कि इस दिन तृणमूल कांग्रेस के पार्षद जनाब अफताबुद्दिन अहमद ने प्रस्ताव सत्र में महानगर में प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए निगम के पास शहरवासियों को घर-घर जाकर जागरूक करने का आवेदन किया। साथ ही प्रस्ताव रखा कि हर घर में निगम की ओर से जूट का थैला दिया जाए। उनके प्रस्ताव पर जवाब देते हुए मेयर ने कहा कि आचार संहिता की समय-सीमा पूरा होते ही इस विषय पर विचार किया जाएगा। उससे पहले उन्होंने वार्ड स्तर पर पार्षदों को विभिन्न तरीके आजमा कर लोगों को 50 माइक्रोन से कम के पॉलीथीन इस्तेमाल पर रोक लगाने को लेकर जागरूक करने को कहा है। स्थानीय पार्षदों को इसमें स्थानीय क्लबों की मदद लेने को भी कहा गया है। हालांकि पिछले दिनों चेतला इलाके में एक जनसभा से पूर्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मेयर फिरहाद हकीम को एक सब्जी दुकान के बाहर सफेद पॉलीथीन लेकर सब्जी खरीदते हुए पाया गया था। उस वक्त विपक्षों ने उनके 50 माइक्रोन से कम के पॉलीथीन इस्तेमाल करने पर खूब कटाक्ष किया था।

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