गौरतलब है कि दोनों नवनिर्वाचित पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा और माकपा के पार्षदों ने हिस्सा नहीं लिया। हालांकि इस विषय पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया भी नहीं की। उल्लेखनीय है कि वार्ड नम्बर 117 के पूर्व पार्षद की मौत के बाद विभिन्न कारणों से वहां नए पार्षद के लिए उपचुनाव नहीं हो पाया था। पर राज्य निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद वहां उपचुनाव हुआ, जिसमें अमित सिंह ने भारी मतों से जीत हासिल की। वहीं पार्षद नहीं होते हुए भी केएमसी के मेयर बने फिरहाद को निगम कानून के तहत ६ महीने के अंदर केएमसी के किसी भी वार्ड से पार्षद बनना अनिवार्य था। जिस वजह से उन्होंने वार्ड 82 से चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की।
फिरहाह के पार्षद नहीं होते हुए मेयर बनने पर विपक्षी दलों ने कई बार आपत्ती जाहिर की थी। उनकी आपत्ती और निगम कानून को मदद्नजर रखते हुए फिरहाद को पार्षद होना अनिवार्य था। इसको ध्यान में रखते हुए और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के निर्देशानुसार वार्ड नम्बर 82 के तत्कालीन पार्षद प्रणव विश्वास ने अपना इस्तीफा दे दिया। उक्त वार्ड से फिरहाद हकीम ने उपचुानव में जीत हासिल कर पार्षद की कुर्सी अपने नाम करवा ली। गौरतलब है कि इस दिन दोनों पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में दूसरे वार्डों की तरह विकास कार्य करने का आश्वासन दिया। साथ ही यह भी आश्वस्त किया कि उक्त वार्डों के निवासियों को अपने फैसले के लिए कभी पछताना नहीं पड़ेगा।