घर पर ही ट्रस्ट बनाया उसने अपने घर पर ही यह ट्रस्ट बनाया और पुराने-नए खिलौने जुटाकर जरूरतमंद बच्चों को फ्री बांटा। आज कतर/दोहा के अलावा भारत के 7 शहरों में उसका ट्रस्ट चल रहा है। ट्वॉय ज्वॉय का फेसबुक पेज भी है। आर्यमान अपनी बहन अनन्या के साथ घर में खिलौनों के ढेर से उन बच्चों को उपहार स्वरूप देता है जो इसे खरीदने में सक्षम नहीं। करीब 2 हजार से अधिक खिलौने एकत्र किए। उसने बताया कि बतौर एक बच्चे के रूप में पसंदीदा खिलौना उसका बैट्री से चलने वाला बीएमडब्ल्यू था जिसे उसके पिता ने जन्मदिन पर उपहार में दिया था।
भिखारी बालक से पिघला मन
वह दोस्तों, रिश्तेदारों और यहां तक कि अजनबियों से भी खिलौने इकट्ठा करता है। उसके दिमाग में यह आइडिया जयपुर में प्रवास के दौरान उस समय आया जब वह चचेरे भाई की बर्थडे पार्टी से लौट रहा था। एक ट्रैफिक सिग्रल पर जब वह रूका तो एक भिखारी बालक ने उसकी कार की खिड़की पर दस्तक दी जो कार की सीट पर मौजूद बर्थडे गिफ्ट्स को बड़ी उत्सुकता से देख रहा था। घर वापस आकर आर्यमान ने इस ट्रस्ट को बनाने का फैसला किया। अपने मिशन को अन्य शहरों में विस्तार किया