3 दिसम्बर को मतदान होगा। उसी दिन मेयर पद का फैसला भी होगा और शपथ ग्रहण भी हो जाएगी। पूरी प्रक्रिया दोपहर 1 बजे से शाम के 5 बजे के बीच हो जाएगी। चेयरपर्सन माला राय ने कहा कि 4 बूथों में 1 बजे से 2.30 बजे के बीच गुप्त मतदान किया जाएगा। मतदान प्रक्रिया समाप्त होते ही मतगणना होगीऔर फैसला सुना दिया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया कोलकाता नगर निगम के सभी पार्षदों की उपस्थिति में अधिवेशन कक्ष में की जाएगी।
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मीना देवी ने विपक्षी पार्षदों से मांगे वोट
– चेयपर्सन माला राय बनी न्यूट्रल तो रत्ना राय ने मुंह पर किया इन्कार
कोलकाता नगर निगम के मेयर पद के लिए मतदान की नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। 3 दिसम्बर को गुप्त मतदान किया जाएगा और उसी दिन नए मेयर की घोषणा भी की जाएगी। एक ओर जहां मेयर की कुर्सी के लिए मंत्री फिरहाद हकीम सत्तापक्ष के उम्मीदवार हैं तो वहीं भाजपा पार्षद मीना देवी पुरोहित उन्हें चुनौती देती नजर आ रही हैं। 122 पार्षद बनाम 5 की इस लड़ाई में मीना देवी ने पक्ष-विपक्ष की दीवार को तोड़ते हुए शुक्रवार को सभी पार्टियों के पार्षदों के पास जाकर वोट देने की अपील की। वे निगम की चेयरपर्सन माला राय से लेकर माकपा पार्षद रत्ना राय मजूमदार के कक्ष तक गईं। उन्होंने शुक्रवार को निगम में उपस्थित तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों से भी समर्थन मांगा।
भाजपा पार्षद व मेयर पद की उम्मीदवार मीना देवी पुरोहित ने कहा कि उम्मीदवार के रूप में सभी दलों के पार्षदों से वोट मांगना उनका अधिकार और फर्ज है। मुझे उम्मीद है कि विपक्ष के कुछ पार्षद उनका समर्थन करेंगे।
– माकपा किसी के समर्थन में नहीं: रत्ना राय मजूमदार
माकपा पार्षद रत्ना राय मजूमदार ने मीना देवी के वोट मांगने पर उनके मुंह पर ही सीधे से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह नेता नहीं नीति की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि मतदान अलोकतांत्रिक व असंवैधानिक तरीके से किया जा रहा है।
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– मतदान से पहले ही होर्डिंग में मेयर बने फिरहाद :
कोलकाता नगर निगम के मेयर पद के लिए फिरहाद हकीम तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। आगामी 3 दिसम्बर को मतदान और नए मेयर की घोषणा की जाएगी, लेकिन मतदान का फैसला आने से पूर्व ही कोलकाता नगर निगम के आईएनटीटीयूसी संगठन ने मंत्री फिरहाद हकीम को मेयर बना दिया है। निगम मुख्यालय में उनके ओर से लगाए गए एक होर्डिंग में फिरहाद के नाम के सामने मंत्री की जगह मेयर का पद लिखा हुआ है।
विपक्षी पार्टियों के पार्षदों ने होर्डिंग की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह अशोभनीय, दूसरी पार्टियों का अपमान और लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।