सिर्फ रंग रहे, मरम्मत नहीं
राज्य के रिटायर्ड आईजी बासव कुमार तालुकदार का कहना है कि हम गलतियों से सीख नहीं रहे हैं। एक नहीं दो नहीं लगातार ब्रिज गिर रहे हैं हमें उसको रंग रहे हैं, पर उसकी मरम्मत नहीं कर रहे हैं। आधुनिक समय में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए साथ ही ब्रिज की स्थिति का दायित्व सौंपा गया है उनको अपना काम जिम्मेदारी पूर्वक करना चाहिए क्योंकि इससे बहुतों के जान-माल का प्रश्न है। प्रशासन यदि आम नागरिक की सुरक्षा की व्यवस्था ही नहीं कर सकता तो उस पर विश्वास कौन करेगा।
हम कितने सुरक्षित
नाट्यकर्मी व निर्देशक उमा झुनझुनवाला
का कहना है कि हम डर रहे हैं, पर प्रश्न नहीं कर रहे। हम देख नहीं रहे हैं कि हम सुरक्षित हैं या नहीं। जनता अपनी प्राथमिक आवश्यकता को भूल गई है। वे पूजा-पाठ, धर्म-सम्प्रदाय में जुटी है। कोई यह नहीं देख रहा है कि हमें पानी ठीक मिल रहा है या नहीं, हम सुरक्षित हैं या नहीं। जनता प्रश्न करना भूल गई है ऐसे में सरकार जो करें वह सही है। किसी का ब्रिज का गिरना भय का वातावरण तैयार करता है। पर अब लगता है कि जनता और मीडिया को सवाल उठाने की जरूरत है।
न्यू टाउन में रहने वाले मनोज यादव, दवा व्यवसायी का कहना है कि जिस तरह से ब्रिज गिरने की घटनाएं घट रही है उससे डर लग रहा है कि उस पर लगातार सोशल मीडिया में ब्रिज की फोटो देखी जा रही है जिसमें दरार देखी जा रही है। राज्य के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी की बात पर भी तुरन्त अमल होना चाहिए जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य के तमाम ब्रिज की समीक्षा करते हुए युद्ध स्तर पर उसको ठीक करने का काम होना चाहिए।