कुछ ही महीने में गांवों में लागू होगी योजना कोलकाता
मुख्यमंत्री
ममता बनर्जी ने वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विरोधी दलों को मात देने के लिए मिशन 2019 फतह योजना बना ली है। उनकी यह योजना पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए है। उन्होंने
रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले पश्चिम बंगाल के गांव में रहने वाले युवाओं को रोजगार दे कर उन्हें अपनी ओर मोडऩे के लिए अपनी योजना को अंतिम रूप दे दिया। गांव के युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री ने 300 करोड़ की स्वरोजगार योजना बनाई है। इसके तहत ग्रामीण इलाके में रहने वाले एक लाख युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना को अनुमोदित करने के लिए राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा के पास के पास भेजा गया। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने दो महीना पहले सहकारिता विभाग को इस योजना को बनाने को कहा था। वित्त विभाग से अनुमोदित होने के बाद इसे कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा और अगले दो महीने के भीतर इसे लागू कर दिया जाएगा। राज्य के सहकारिता मंत्री अरुप राय ने बताया कि सरकार को इस योजना से एक लाख युवा लाभान्वित होंगे और जब उनका कारोबार जम जाएगा तो इन पर निर्भर करने वाले पांच लाख लोग प्रत्येक महीने 8000 से 9000 रुपए का रोजगार करेंगे। इस योजना के तहत युवाओं को साईबर कैफे, अनिमल फॉर्म और सब्जी फॉर्म के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। गांवों के बाद इस योजना को शहरी इलाकों में भी लागू किया जाएगा। राज्य में 5600 सहकारिता सोसाइटी है। इसके तहत 1.5 लाख स्वरोजगार समूह सक्रिय है और प्रत्येक स्वरोजगार सोसाइटी के 20 सदस्य हैं। इनमें महिलाए काम करती हैं और इनके पति रोजगार के लिए राज्य के ग्रामीण इलाके में रहने वाले युवा गुजरात, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में जाते हैं