जोड़ासांको या भवानीपुर से कमल खिलाएंगे मिथुन चक्रवर्ती!
कोलकाताPublished: Mar 09, 2021 06:44:23 pm
दांव: फिल्म अभिनेता को कोलकाता में सेनापति बनाने में जुटी भाजपा- महानगर की सीटों पर भगवा झंडा लहराने की कवायद
जोड़ासांको या भवानीपुर से कमल खिलाएंगे मिथुन चक्रवर्ती!
कृष्णदास पार्थ
कोलकाता.
फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में तो शामिल हो गए, लेकिन उनको कहां से उम्मीदवार बनाया जाए? इस पर माथापच्ची जारी है। प्रदेश भाजपा के कुछ नेता मिथुन को जोड़ासांको से उम्मीदवार बनाने के पक्ष में हैं, तो कुछ भवानीपुर से। वैसे मिथुन ने भी भवानीपुर से ही उम्मीदवार होने की इच्छा व्यक्त की है पर जोड़ासांको से उम्मीदवार बनाने के पीछे भाजपा का तर्क कुछ वजनदार साबित हो रहा है। यह माना जा रहा है कि यहां से खड़ा होने पर मिथुन सिर्फ जीतेंगे ही नहीं बल्कि अन्य सीटों पर जीत दिलाने में मददगार भी साबित होंगे।
अभी तक भाजपा कोलकाता से एक भी विधानसभा सीट नहीं निकाल पाई है। मिथुन दा के फिल्मी क्रेज को काम में लगाने के उद्देश्य से भाजपा चाहती है कि वे जोड़ासांको से ही लड़े। तृणमूल कांग्रेस ने इस बार इस सीट पर एक नए उम्मीदवार विवेक गुप्ता को टिकट दिया है। जिनके जनाधार की तुलना में मिथुन दा का जनाधार कई फीसदी ज्यादा है। तृणमूल ने मौजूदा विधायक स्मिता बक्शी को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया है। जाहिर है इससे वे नाराज हैं। हालांकि अभी तक स्मिता ने अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की हैं। स्मिता के पति संजय बक्शी इलाके के शक्तिशाली नेता माने जाते हैं। पत्नी का टिकट कटने से वे भी उतनी सक्रियता नहीं दिखा पाएंगे जो पहले थे। इस स्थिति में जोड़ासांको से भाजपा के लिए एक बड़ा अवसर दिखाई दे रहा है। भाजपा नेतृत्व इसे भुनाना लगाना चाह रहा है।
भाजपा नेतृत्व का मानना है कि यदि जोड़ासांको से मिथुन दा चुनाव लड़ते हैं तो इसके आसपास के अन्य सभी विधानसभा सीटों को अपने बल पर चुनाव प्रचार कर निकाल सकते हैं। जोड़ासांको उत्तर पश्चिम संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। इस संसदीय क्षेत्र में चौरंगी, इंटाली, बेलेघाटा, श्यामपुकुर, मानिकतला और काशीपुर बेलगछिया विधानसभा क्षेत्र हैं।
बीजेपी में शामिल होने के बाद ब्रिगेड परेड ग्राउंड से मिथुन चक्रवर्ती ने एक सेनापति की तरह हाव-भाव दिखाते हुए कहा था कि जो आपका हक छीनेगा हम उसके खिलाफ खड़े होंगे। आज का दिन मेरे लिए सपने जैसा है। इतने बड़े नेताओं के साथ मंच साझा करूंगा, ऐसा मैंने कभी सोचा नहीं था। ममता बनर्जी का नाम लिए बिना बाहरी बनाम भीतरी का जवाब देते हुए मिथुन ने कहा कि बंगाल में रहने वाला हर कोई बंगाली है। गरीबों के लिए काम करना मेरा सपना है। मिथुन ने कहा, मैं जो बोलता हूं वो करता हूं। मैं पानी का सांप नहीं, मैं असली का कोबरा हूं, डसूंगा तो तुम फोटो बन जाओगे। फोटो बनाने का उनका इशारा स्वाभाविक है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर ही था।
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दूसरी राजनीतिक पारी
७० वर्षीय अभिनेता मिथुन से गत १६ फरवरी को मुंबई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भेंट की थी। जिसके बाद उनके भाजपा में जाने की अटकलें लगने लगीं थीं। मिथुन की यह दूसरी राजनीतिक पारी है। इससे पूर्व वह तृणमूल कांग्रेस के कोटे से अप्रेल २०१४ में राज्यसभा पहुंचे थे। अब भी राज्य समेत पूरे देश में उनके लाखों प्रशंसक हैं। अपने भाई की मौत के बाद उन्होंने खुद को नक्सली आंदोलन से अलग कर लिया।
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तृणमूल की नजर में मिथुन प्रभावशाली नहीं
टीएमसी सांसद व वरिष्ठ नेता सौगत रॉय का कहना है कि जनता के बीच मिथुन की कोई विश्ववसनीयता, सम्मान व प्रभाव नहीं है। आज के सिने सितारा नहीं हैं। वे गुजरे जमाने के अभिनेता हैं। वह चार बार पार्टियां बदल चुके हैं। वह मूल रूप से नक्सली हैं। इसके बाद वे माकपा में गए और उसके बाद टीएमसी में आए। उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया गया। रॉय ने आरोप लगाया कि भाजपा ने ईडी के केस को लेकर उन्हें धमकाया, इसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं।