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मोदी ने सबका साथ सबका विकास की प्रशंसा की

locationकोलकाताPublished: May 25, 2018 09:44:14 pm

Submitted by:

MANOJ KUMAR SINGH

अहमदाबाद में रहने के दौरान गुरुदेव ने एक उपन्यास लिखा और कई कविताएं लिखीं।

Kolkata

मोदी ने सबका साथ सबका विकास की प्रशंसा की

बताया कविगुरु टैगोर का गुजरात से कनेक्शन
शांतिनिकेतन/कोलकाता

बीरभूम जिले के शान्तिनिकेतन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विश्वभारती विश्वविद्यालय के 49 वें दीक्षांत समारोह में अपनी सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास की प्रशंसा की। उन्होंने कवि गुरु ? रवीन्द्रनाथ टैगोर की भूमि पर खड़े हो कर अपने गृह राज्य गुजरात से उनका कनेक्शन होने का जिक्र भी किया।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री और विश्व विद्यालय के चांसलर मोदी ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के संबंध और दोनों के निर्धारित लक्ष्य में समानता है। ये सहयोग और आपसी समझ से जुड़े दो भिन्न देश हैं। दोनों विकास और सामाजिक विकास के लिए समान उद्देश्य ले कर चल रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर बांग्लादेश सोलर बिजली उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य बनाया है। भारत ने भी सबका साथ सबका विकास के तहत अगले एक साल में घर-घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य बनाया है। विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए बांग्लादेश ने हालही में विश्वबंधु उपग्रह छोड़ा है। उम्मीद है अंतरिक्ष में दोनों देश मिल कर काम करेंगे। मोदी ने कहा कि टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर सिविल सेवा से जुडऩे वाले पहले भारतीय थे। वे अहमदाबाद में तैनात थे। 17 साल की उम्र में विदेश जाने से पहले गुरुदेव ने छह महीने के लिए अपने भाई से ट्यूशन लिया। अहमदाबाद में रहने के दौरान गुरुदेव ने एक उपन्यास लिखा और कई कविताएं लिखीं। मोदी ने कहा कि वह टैगोर की भूमि पर पहुंचकर रोमांचित हुए। मंच पर आते समय मैं सोच रहा था कि यह रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि है। यहीं कहीं उन्होंने रचनाएं लिखीं, गीत लिखे और महात्मा गांधी के साथ विमर्श किया और अपने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया है।
मोदी ने इन बिन्दुओं पर रोशनी डाली

केंद्र की मदद से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में विश्वविद्यालय की भूमिका की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया कि आप 50 गांवों का विकास कर रहे हैं।
– 2021 तक जब विश्वविद्यालय के सौ साल पूरे हो जाएंगे 50 और गांवों में विद्युत आपूर्ति, गैस कनेक्शन और ऑनलाइन विनिमय के साथ विकास करने का संकल्प ले सकते हैं।
– 125 करोड़ लोगों ने 2022 तक नए भारत का निर्माण करने का संकल्प ले लिया है। यह सपना शिक्षा के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
– नए भारत के लिए विश्वभारती जैसे संस्थान को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भारत के विकास में नई दिशा देंगे।

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