हालांकि फिरहाद हकीम कोलकाता के मेयर होने के साथ ही राज्य के मंत्री व चेयरपर्सन माला राय लोकसभा सांसद का कार्यभार संभालने की वजह से इन दोनों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य के मंत्री सुब्रत मुखर्जी के मेयर रहने के दौरान अंतिम बार पार्षदों के भत्ते को बढ़ाया गया था। उसके बाद फिरहाद हकीम ने इसकी वृद्धि की। सभी के भत्ते में 6 हजार रुपए बढ़ाए गए हैं।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी को भाजपा से जोरदार झटका लगने के बाद ममता सरकार ने यह फैसला लिया है। हालांकि सरकार के इस फैसले से सत्तारुढ़ और विपक्ष दोनों पार्टियों के पार्षद खुश हैं। एक ओर जहां सत्तारुढ़ पार्टी के एमआईसी व पार्षदों ने इसका खुलकर स्वागत किया है। वहीं विपक्ष के पार्षदों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी।
– किसके खाते में आया कितना धन :-
1. मेयर : पहले- 5 हजार 500, अगस्त से- 11 हजार 500
2. उपमेयर व चेयरपर्सन : पहले- 5 हजार 250, अगस्त से- 11 हजार 250
3. एमआईसी व लीडर ऑफ ऑपोजिशन : पहले- 4 हजार 700, अगस्त से- 10 हजार 700
4. पार्षद : पहले- 4 हजार, अगस्त से 10 हजार
– किसने क्या कहा ?
– मैंने बार-बार इसको लेकर आवाज उठाई थी। बढ़ती मंहगाई में इतना कम भत्ता मिलने से खासकर विपक्ष के पार्षदों को परेशानी हो रही थी। मेयर के इस फैसले का स्वागत करता हूं।
(प्रकाश उपाध्याय, कांग्रेस पार्षदों के अध्यक्ष व पार्षद, कोलकाता नगर निगम)
– पार्षदों के भत्ते को सरकार ने बढ़ाया है, पर निगम के श्रमिकों के मासिक वेतन को भी बढ़ाना ज्यादा जरूरी है। केएमसी के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारी दिन भर मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मेहनताना सही से नहीं मिल रहा है। इसकी वजह से वे अब काम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
(मीना देवी पुरोहित, भाजपा पार्षदों की अध्यक्ष व पार्षद)
– शहरवासियों की सेवा करने के लिए हम पार्षद बने हैं, तो हमारा भत्ता बढ़े चाहे न बढ़े लेकिन निगम के अधीन काम करने वाले श्रमिकों का वेतन बढ़ाना आवश्यक है। सफाई कर्मियों से लेकर ग्रुप डी के अंतर्गत कार्यरत ज्यादातर कर्मचारी मासिक वेतन व सरकार के रवैये को लेकर निराश हैं। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
(रत्ना राय मजूमदार, माकपा पार्षदों की अध्यक्ष व पार्षद)