scriptहिंदी विश्वविद्यालय कोलकाता केंद्र में साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर शोक सभा | Mourning meeting on the death of Literary Namwar Singh. | Patrika News

हिंदी विश्वविद्यालय कोलकाता केंद्र में साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर शोक सभा

locationकोलकाताPublished: Feb 21, 2019 04:35:17 pm

Submitted by:

Jyoti Dubey

– हिंदी साहित्य के शीर्षस्थ आलोचक और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलाधिपति प्रो. नामवर सिंह के निधन पर विवि के क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया।

 Kolkata, West Bengal, India

हिंदी विश्वविद्यालय कोलकाता केंद्र में साहित्यकार नामवर सिंह के निधन पर शोक सभा

कोलकाता. हिंदी साहित्य के शीर्षस्थ आलोचक और महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के पूर्व कुलाधिपति प्रो. नामवर सिंह के निधन पर विवि के क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र के प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने कहा कि नामवर सिंह मेरे गुरु के गुरु थे। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विवि में भारतीय भाषा केंद्र की न सिर्फ स्थापना की बल्कि वहाँ हिंदी की जड़ें भी मजबूत बनाई। वे बहुपठनीयता के प्रतीक थे और उनकी निरंतर रचनात्मक सक्रियता तमाम युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। जेएनयू से जुड़ी उनकी तमाम यादों को बताते हुए डॉ सुनील ने कहा कि वे अक्सर जेएनयू पुस्तकालय आते थे और जेएनयू पर हो रहे सुनियोजित बाहरी हमलों को लेकर चिंतित भी रहते थे। अपनी शर्तों पर लिखना-बोलना नामवर सिंह की विशेषता रही। उनका लेखन जितना बौद्धिक दुनिया के लिए उपयोगी है, उतना ही हिंदी के आम छात्रों के लिए भी जरूरी है। इस अवसर पर केंद्र की विजिटिंग फैकल्टी प्रो. चंद्रकला पाण्डेय ने बताया कि जब वे राज्यसभा सांसद थीं तो अक्सर केदारनाथ सिंह के साथ नामवर सिंह उनके यहाँ आते थे और देर तक बौद्धिक चर्चाएँ होती रहती थी। शोध-अध्ययन लेखन को लेकर नामवर सिंह की सजगता को प्रो.पाण्डेय ने विशेष रूप से रेखांकित किया और कहा कि उन्हें हिंदी के साथ-साथ उर्दू साहित्य पर भी अधिकार था। अध्यापिका पूजा शुक्ला ने नामवर सिंह की पुस्तकों की उत्कृष्टता पर बात की और उनकी क्षति को हिंदी के लिए अपूरणीय बताया। डॉ विवेक सिंह ने कहा कि वे छात्रों के लिए हमेशा सहज रहे। उन्हें पढऩा और सुनना दोनों ही समान रूप से आस्वाद देता है। शोधार्थी अजय कुमार सिंह और सागर साव ने भी नामवर सिंह को याद करते हुए हिंदी साहित्य में उनके योगदान को अप्रतिम बताया। इस अवसर पर उमेश शर्मा, पूजा गौतम, सद्दाम होसैन, काजल शर्मा, सुखेन शिकारी और रीता बैद आदि उपस्थित रहे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो