मुकुल रॉय विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा छोड़कर वे तृणमूल
कांग्रेस में लौट गए थे। तोफे में नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी
को दरकिनार कर उन्हें उक्त कमेटी का चेयरमैन बनाया था। इसके
बाद से ही भाजपा दल बदल विरोधी कानून के तहत उनके
विधायक पद रद्द करने की मांग कर रही है। इसको लेकर भाजपा
और विधानसभा अध्यक्ष के बीच विवाद चलता रहा। हाई कोर्ट के
दखल देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दूसरी बार भी रॉय का
विधायक पद रद्द करने से इनकार कर दिया। उन्होंने रॉय के
भाजपा में ही होने का फैसला सुनाया।
कौन बनेगा पीएसी का नया चेयरमैन- शमिक भट्टाचार्य
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य
सरकार संविधान और लोकतंत्र को नहीं मानती है। सुनने में आया
है कि मुकुल ने पीएसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है।
सरकार बताए कि अब उक्त रिक्त पद पर किसे नियुक्त किया
जाएगा।
पता नहीं इसके पीछे मुख्यमंत्री का क्या खेल है- अधीर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मुझे नहीं
मालूम कि मुकुल रॉय किस पार्टी में है। वे अभी तृणमूल में है या
भाजपा में हैं। पता नहीं मुख्यमंत्री ने मुकुल को पीएसी के चेरमैन
पद से क्यों इस्तीफा दिलाया है। इसके पीछे उनका क्या खेल है।
लगता है कि अब मुकुल रॉय उनके लिए बोझ बन गए थे।
मुकुल का विधायक पद क्यों रद्द किया- सुजन चक्रवर्ती
माकपा की केन्द्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि
सभी जानते है कि मुकुल रॉय तृणमूल में हैं। लेकिन विधानसभा
अध्यक्ष को यह नहीं मालूम है। अभी तक रॉय का विधायक पद
क्यों रद्द किया गया। मुकुल के इस्तीफा से यह साफ हो गया कि
पीएसी के चेयरमैन की नियुक्ति में विधानसभा अध्यक्ष की नहीं
चलती है।
मुकुल की नियुक्ति वैद्य थी- तापस रॉय
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता तापस रॉय ने कहा कि राज्य
विधानसभा के सभी नियमों का पालन करके ही मुकुल रॉय को
पीएसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। मुझे रॉय के
इस्तीफा पर विश्वास नहीं हो रहा है। अगर उन्होंने इस्तीफा दिया
है तो निसंदेह उनके कुछ व्यक्तिगत कारण होंगे।
खराब तबीयत के कारण मुकुल दिए इस्तीफा - कुणाल
तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि मुकुल रॉय ने तबियत
खराब रहने के कारण पीएसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिया
है। उन्होंने कहा कि रॉय भाजपा में ही हैं। प्यास लगने पर पानी
पीने के लिए वे कुछ देर के लिए तृणमूल के किसी कार्यालय में
चले गए थे।