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‘शांति और सद्भाव सभी धर्मों का प्राण’

locationकोलकाताPublished: Dec 07, 2018 03:17:07 pm

Submitted by:

Shishir Sharan Rahi

मुनि कमलेश की धर्मसभा

kolkata

‘शांति और सद्भाव सभी धर्मों का प्राण’

कोलकाता. शांति और सद्भाव सभी धर्मों का असली प्राण है, इसकी रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाला सच्चे अर्थों में धर्म का पालन करता है। मुनि कमलेश ने 6 दिसंबर को सद्भावना दिवस के रूप में घोषित करते हुए लेकटाउन में मंजू सुभाष वैद्य के मकान पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि परस्पर समरसता और सद्भाव के भावों को आहत करने का प्रयास करना राम-रहीम का अपमान करने के समान है। जनता में नफरत-द्वेष, भावना भडक़ा कर अपना उल्लू सीधा करने वाले भगवान के सबसे बड़े दुश्मन हैं। मुनि ने कहा कि राम जन्मभूमि का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तो सभी पक्षों को उसके निर्णय का इंतजार करना चाहिए। महापुरुषों के नाम पर एक कतरा खून बहना कलंक है। उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है जितना खून युद्ध और हथियारों से नहीं बहा उतना कट्टर सांप्रदायिकता के हथियार ने धरती को रक्तरंजित कर दिया। उन्माद से दहशत, भय और खौफ से असुरक्षा के भाव जनता में पैदा हो रहे हैं। मुनि का कोलकाता से हावड़ा के लिए विदाई समारोह गुरुवार को मनाया गया। उनका शॉल ओढ़ा कर अभिनंदन किया गया।
झूठे-वादे अधर्म-पाप

यदि कोई व्यक्ति किसी के साथ छल करे, धोखा दे, झूठे-वादे करे तो यह सरासर अधर्म, पाप है और मानवता के खिलाफ है। मुनि कमलेश ने शनिवार को यह बात कही। साल्टलेक में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि ने कहा कि कोई किसी भी किसी धर्म का क्यों न हो पूजा-पाठ, नमाज पढ़े लेकिन तीन काल में भी धर्म और भगवान के नजदीक नहीं हो सकता। धोखाधड़ी करने वालों के लिए कानून की 420 धारा के अंदर दंडित किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश के सभी राजनीतिक दल चुनावी घोषणा पत्र में वादे कर जनता को गुमराह करते हैं। कौशल मुनि ने मंगलाचरण, घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।
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