‘रक्षक ही भक्षक बन जाए तब सरकार में रहने का अधिकार नहीं’
कोलकाताPublished: Nov 29, 2018 10:46:49 pm
साल्टलेक में श्रद्धांजलि सभा—दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जैन साध्वी का देवलोकगमन
‘रक्षक ही भक्षक बन जाए तब सरकार में रहने का अधिकार नहीं’
कोलकाता. लोकतंत्र में किसी के अधिकारों का हनन करना, छीनना, उपेक्षा करते हुए वंचित रखना जिसके प्रति सरकारी संविधान वचनबद्ध है और यदि रक्षक ही भक्षक बन जाए तब वह सरकार में रहने का कतई अधिकार नहीं रहता। मुनि कमलेश ने गुजरात के भरूच में जैन साध्वी के दुर्घटनाग्रस्त हो देवलोकगमन होने पर पूर्व भारत जैन कॉन्फ्रेंस महिला महिला अध्यक्ष अंतर देवी बाघमार के साल्टलेक स्थित निवास पर श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुनि ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वालों को सरकार सुरक्षा प्रदान करती है पर पदयात्रा से पर्यावरण की रक्षा, राष्ट्रीय एकता, अहिंसा, विश्व शांति का संदेश देने वाले सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिवर्ष अकाल मौत के शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि पदयात्रियों की सुरक्षा के लिए सरकार को विशेष ध्यान देना होगा। जैन संत कहा कि पंढरपुर शिरडी वैष्णो देवी स्वर्ण मंदिर गरीब नवाज जैसे कई स्थानों पर लाखों की संख्या में पदयात्रा करते हैं जो जाति-पंथ और प्रांत की दीवारों से उठ कर मानवीय समरसता को मजबूत करते हैं जो काम सरकार और कानूनी सेवा नहीं कर सकती वह काम संत कर दिखाते हैं। वह भी निस्वार्थ भाव से। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार शहरों में लोगों के साथ यात्रियों के लिए फुटपाथ बनाया जाता है वैसे ही कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे देश में फुटपाथ का निर्माण सरकार को करना होगा। मुनि ने कहा कि विश्व की संपूर्ण संपत्ति दान कर भी एक संत का निर्माण नहीं किया जा सकता। दुर्घटना में संतों का देवलोक होना सरकार के लिए चुनौती है। अगर आज विश्व गुरु के रूप में यदि भारत की पहचान है तो उसका सारा श्रेय ऋषि-मुनियों को है। इंसान तो क्या, सैकड़ों पशु प्रतिदिन एक्सीडेंट होकर मौत के शिकार होते हैं। पेड़-पौधे, पानी की रक्षा के लिए सरकार अरबों खर्च करती है तो फिर कोहिनूर जैसे संतों के लिए क्यों नहीं कर सकती? उन्होंने कहा कि ऐसी घटना से पूरा देश व्यथित है और सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो सडक़ पर संत समाज को उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली की शाखाओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। ेगा। अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस नई दिल्ली की शाखाओं ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।